आज की वार्ता पर टिकी नजर, हरियाणा के संगठनों को समाधान की उम्मीद कम
जागरण संवाददाता बहादुरगढ़ कृषि कानूनों को रद करवाने की मांग को लेकर चल रहे आंदो
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : कृषि कानूनों को रद करवाने की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन के बीच 8 जनवरी को प्रस्तावित वार्ता पर नजर टिकी हुई है। हालांकि हरियाणा संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल किसान संगठनों द्वारा पहले ही इस वार्ता के दौरान समाधान होने की कम उम्मीद जताई जा चुकी है। उधर, बहादुरगढ़ में इस आंदोलन से प्रभावित उद्यमियों और कारोबारियों को यह मसला सुलझने का इंतजार है।
गत 30 दिसंबर को सरकार से वार्ता के दौरान चार मांगों में से दो पर सहमति बनने के बाद किसान उत्साहित थे। मगर मामला कृषि कानूनों को रद करने और एमएसपी पर कानून की मांग को लेकर अटका हुआ है। इसी कारण पिछली मीटिग में ज्यादा चर्चा नहीं हो पाई। इधर, आंदोलन के चलते टीकरी बॉर्डर के आसपास बहादुरगढ़ में ढाई हजार उद्योग ठप हैं। बाकी कारोबार पर भी व्यापक असर पड़ रहा है। आसपास के फिलिग स्टेशन बंद हैं। दिल्ली जाना-आना प्रभावित हो रहा है। आंदोलन को डेढ़ महीना पूरा होने को है। उद्योग ठप हैं तो ट्रांसपोर्ट पर भी काफी असर है। कई तरह के व्यवसाय की चेन टूटी हुई है। इससे लोग परेशान हैं। 9 जनवरी से और तेज होगा आंदोलन :
किसान संगठनों द्वारा 9 जनवरी को दीनबंधू छोटूराम की पुण्यतिथि पर सभी जगह उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी। इसी दिन से आंदोलन तेज करते हुए टोल प्लाजा पर भी 11-11 किसान क्रमिक भूख हड़ताल में शामिल होंगे। 18 जनवरी को महिला किसान दिवस मनाया जाएगा। प्रत्येक गांव से महिलाएं आंदोलन में शामिल होंगी। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिवस पर 23 से 25 जनवरी तक पूरे देश में राज्यपाल के निवास का घेराव किया जाएगा। 26 जनवरी को सभी किसान दिल्ली कूच करेंगे और गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होंगे।