नालों की सफाई से निकला अतिक्रमण का जिन्न, शहरी क्षेत्र में कारोबारियों को भेजे गए नोटिस
- पिछले दिनों उपायुक्त श्याम लाल पूनिया ने अधिकारियों के साथ विभिन्न क्षेत्रों में किया था दौरा
- पिछले दिनों उपायुक्त श्याम लाल पूनिया ने अधिकारियों के साथ विभिन्न क्षेत्रों में किया था दौरा - अतिक्रमण हटाए जाने को लेकर दिया गया सात दिन का समय, कारोबारियों में बढ़ रही बेचैनी
जागरण संवाददाता, झज्जर :
पिछले कुछ दिनों से जिला का माहौल बदला-बदला हुआ है। अधिकारी अब फील्ड में निकलकर जनता को सेवाएं दे रहे हैं। उपायुक्त श्याम लाल पूनिया भी अधिकारियों के साथ शहर के विभिन्न हिस्सों का व्यक्तिगत रूप से दौरा कर चुके हैं। मौजूदा परिस्थितियों में अब शहरी क्षेत्र में पीडब्ल्यूडी-बी एंड आर की सड़क किनारे अतिक्रमण करने वालों को नोटिस भेजे जा रहे हैं। जिसमें उल्लेख करते हुए कहा गया है कि इन सभी कारोबारियों ने शहरी क्षेत्र में नालों से आगे के हिस्से पर अतिक्रमण किया हुआ है। जिसकी वजह से व्यवस्था बाधित हो रही हैं। इधर, नोटिस मिलने की वजह से व्यापारियों में हड़कंप आन मचा है। एक-दूसरे को फोन किए जा रहे है। दूसरी ओर, नोटिस भेजे जाने के पीछे की व्यथा व्यापारी इस तरह भी उठा रहे हैं कि शहरी क्षेत्र में कुछ दिनों से नालों की सफाई की मांग की जा रही थी। सफाई के दौरान जब टीम सड़क पर उतरी तो नोटिस भेजने का सिलसिला शुरु हुआ। कुल मिलाकर, शहर में पीडब्ल्यूडी- बी एंड आर की सड़कों पर जहां भी अतिक्रमण हो रखा है। वहां पर नोटिस दिए गए हैं। नालों की सफाई से निकला अतिक्रमण का जिन्न :
दरअसल, जिस मार्ग पर नोटिस भेजे जाने को लेकर चर्चा हो रही हैं, वह शहर को अलग-अलग हिस्से से जोड़ने वाला प्रमुख मार्ग है। खास तौर पर बरसात के दिनों में इस मार्ग पर जलजमाव की स्थिति भी बनती है। जलजमाव की स्थिति को देखते हुए प्रशासन की ओर से सड़क के बीच में लगाए गए डिवाइडर तो हटवा दिए गए हैं। लेकिन, अब उन कारोबारियों को नोटिस दिया गया हैं, जिन्होंने नालों से आगे अपने प्रतिष्ठान तक पहुंचने के लिए अतिक्रमण किया हुआ है। पिछले दो दिनों में वितरित हुए इन नोटिस के बाद व्यापारियों में चिता बढ़ने लगी है। कहना है कि अगर प्रशासनिक स्तर पर कार्यवाही की जाती है तो तोड़-फोड़ करने के बजाय पहले सीमा बताई जाए। ताकि, वे स्वयं अपने स्तर पर व्यवस्था करें। इधर, नोटिस भेजे जाने के पीछे का कारण इस रुप में भी सामने आ रहा है कि व्यापारियों का एक संगठन पिछले कुछ दिनों से नालों की सफाई की मांग उठा रहा था। फील्ड में जब टीम काम करने के लिए उतरी तो यह अतिक्रमण का जिन्न बाहर आया। जो कि अब कारोबारियों के लिए नया सिरदर्द बनकर उभरा है। इंटरनेट मीडिया पर व्यथा व्यक्त कर रहे कारोबारी : नोटिस दिए जाने के बाद कारोबारी इंटरनेट मीडिया पर अपनी व्यथा व्यक्त कर रहे हैं। इनका कहना है कि कोविड की वजह से पहले ही उनके कारोबार प्रभावित हो रखे हैं। दूसरा, रोजाना किसी ना किसी तरह का प्रशासनिक व्यवधान उनके कारोबार के आड़े आ रहा है। जबकि, सुविधाओं की डिमांड करने के नाम नियमों का पाठ पढ़ा दिया जाता है। ऐसे में वे इंटरनेट मीडिया पर अपनी व्यथा व्यक्त करते हुए परेशानी ब्यां कर रहे हैं।
प्रतिक्रिया : व्यापारी एकता मंच के सदस्य सतीश धींगड़ा, केडी शर्मा, राजेश सैनी, सचिन राज्याण आदि ने कहा कि प्रशासनिक स्तर पर संवाद की सर्वदा गुंजाइश रहनी चाहिए। वे भी चाहते हैं कि बाजार में कारोबार बढ़ें और कारोबारियों को सुविधा भी मिलें। लेकिन, इन सुविधाओं के नाम पर परेशानी नहीं बढ़नी चाहिए। व्यवस्था को इस मार्ग पर अक्सर बनने वाली जलजमाव की स्थिति का हल निकालना चाहिए। - नियमानुसार विभाग की ओर से नोटिस दिए गए हैं। फिर भी किसी कारोबारी को कोई दिक्कत है या वह अपनी बात रखना चाहते हैं तो मुलाकात कर पक्ष रख सकते हैं।
प्रह्लाद सिंह, एसडीओ, पीडब्ल्डी बीएंडआर