दर्शनों के लिए पैदल मंदिर तक पहुंच रहा श्रद्धालुओं का जत्था

- परिवार के साथ मन्नतों को पूरा करने के लिए पहुंच रहे श्रद्धालु मंदिर में सप्तमी-अष्टमी जैसा नजार

By JagranEdited By: Publish:Sun, 10 Oct 2021 06:40 PM (IST) Updated:Sun, 10 Oct 2021 06:40 PM (IST)
दर्शनों के लिए पैदल मंदिर तक पहुंच रहा श्रद्धालुओं का जत्था
दर्शनों के लिए पैदल मंदिर तक पहुंच रहा श्रद्धालुओं का जत्था

संवाद सूत्र, बेरी : मां भीमेश्वरी स्थित मंदिर में खूब कृपा बरस रही है। कहा जा सकता है कि कोविड के दौर में पहली दफा मंदिर में इतनी रौनक देखने को मिली है। विशेष तौर पर जो लोग दो साल से किन्हीं कारणों के चलते यहां नहीं आ पाए थे, वे भी श्रद्धापूर्वक परिवार के साथ मां को नमन करते हुए कृपा की कामना कर रहे हैं। परपंरा के अनुसार आरती, कीर्तन और पूजा हो रही है। बेशक ही क्षेत्र में मेला नहीं लगा हो। लेकिन, लोगों की बढ़ती भीड़ की वजह से कारोबार में खूब उछाल देखने को मिल रहा है। परिवार के साथ श्रद्धालुओं मन्नतों को पूरा करने के लिए पहुंच रहे हैं। भीड़ के लिहाज से देखें तो यहां पर सप्तमी और अष्टमी की भीड़ जैसा नजारा है।दोनों मंदिरों में मां भीमेश्वरी देवी की खूब कृपा बरस रही है। दर्शनों के लिए पैदल मंदिर तक पहुंच रहा श्रद्धालुओं के जत्थे :

पारम्परिक वेश-भूषा में सजी-धजी ग्रामीण महिलाएं, श्रद्धा एवं उल्लास के साथ कतार में लगकर दर्शन करने को आतुर लोग। धार्मिक गीतों की स्वरलहरियों के बीच नृत्य करते भक्तजन। चहुंओर से मंदिर को जोड़ने वाले मार्ग पर भक्तों की भारी भीड़। कुछ ऐसा ही नजारा रविवार को जिला मुख्यालय से करीब 12 किलोमीटर दूर बेरी में स्थित माता भीमेश्वरी देवी मंदिर परिसर में देखने को मिला।

भक्तों को नहीं धूप की परवाह, चल रहे नंगे पैर : ईश्वर के प्रति अथाह श्रद्धा ही है जो कुछ भक्त अपना शरीर गुदवा लेते हैं तो कुछ जलते अंगारों पर चलने से भी गुरेज नहीं करते। श्रद्धा का ऐसा ही एक ओर अनूठा उदाहरण बेरी के मंदिर में देखने को मिल रहा है। जहां पर माता रानी के भक्त नंगे पैर पैदल चलते हुए माता के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं।

बेरी से झज्जर को जोड़ने वाला मार्ग हो या रोहतक, कलानौर व बहादुरगढ़ का मार्ग। प्रत्येक मार्ग पर पैदल चलने वाले भक्तों का जत्था नाचते कूदते हुए मंदिर की ओर आता हुआ दिखाई देता है। भक्तों की भीड़ में काफी भक्त ऐसे भी है। जो 36 डिग्री का तापमान होने के बावजूद भी नंगे पैर चलकर मां के दरबार तक पहुंच रहे हैं। -------------------- मंदिर पुजारी पं. पुरुषोत्तम शर्मा का कहना है कि जिस प्रकार हम बड़े पैमाने में मां के इन नौ रूपों और उनकी शक्तियों को देखते हैं उसी प्रकार यदि किसी स्त्री के भीतर देखें तो पाएंगे कि मां के ये सभी अंश किसी न किसी खास गुण के रूप में उसके भीतर भी विद्यमान हैं। आज के आधुनिक युग में एक स्त्री मां, बहन, बेटी, पत्नी आदि अनेक रूपों में अपनी महत्ती भूमिका का निर्वहन कर रही है।

मां के स्वागत में हर कोई बैठा है तैयार बेरी स्थित मा भीमेश्वरी देवी के यहां पर दो मंदिर है। एक मंदिर बाहरी क्षेत्र में है और एक भीतर आबादी वाले क्षेत्र में। चली आ रही परंपरा के अनुसार दिन के समय में मां बाहरी क्षेत्र स्थित बने मंदिर में विराजमान रहती है। जबकि सायं से लेकर रात्रि तक मां भीतर वाले मंदिर में अपने भक्तों को आशीर्वाद देती है। चले आ रहे इस सिलसिले में हर कोई मां के स्वागत को तैयार बैठा हुआ दिखता है। मां को भीतर से बाहर वाले मंदिर लाने और ले जाने के समय पर यहां खास व्यवस्था होती है और उस दौरान हर किसी को इस बात का इंतजार रहता है कि वह भी मां के दर्शन प्राप्त करते हुए अपने जीवन को सफल बनाएंगा। --------------------

कैमरों की जद में हर गतिविधि :

सुरक्षा एवं व्यवस्था बनाए रखने के ²ष्टिगत पुलिस प्रशासन की ओर से बाहरी क्षेत्र स्थित मंदिर में एक कंट्रोल रुम स्थापित किया गया है। दोनों मंदिरों के अलावा मुख्य मार्ग पर पार्किंग, बस स्टैड, बेरी चौक सहित अन्य क्षेत्रों को कैमरों की जद में लिया गया है। ताकि किसी भी प्रकार से होने वाली घटना पर तुरत नजर रखते हुए कार्रवाई अमल में लाई जा सके। इसी कड़ी में बेरी को जोड़ने वाले मुख्य मार्गाें से भीतरी मार्ग तक किसी भी वाहन को आने की इजाजत नहीं है। ताकि बनने वाली भीड़ के दौरान वाहनों के चलते कोई अव्यवस्था नहीं बनें।

chat bot
आपका साथी