पृथ्वीराज चौहान के वंशज ने 400 साल पहले बसाया था गांव भटेड़ा

-भटेड़ा के ग्रामीणों का मिलनसार व धार्मिक स्वभाव सभी के लिए प्रेरणा

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 06:20 AM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 06:20 AM (IST)
पृथ्वीराज चौहान के वंशज ने 400 साल पहले बसाया था गांव भटेड़ा
पृथ्वीराज चौहान के वंशज ने 400 साल पहले बसाया था गांव भटेड़ा

गोपाल कृष्ण, माछरोली : आज से करीब 400 वर्ष पूर्व पृथ्वीराज चौहान के वंशजों ने भटेड़ा गांव को बसाया था, जो आज दूसरों के लिए भी मिसाल बना हुआ है। यहां के लोग आपसी प्रेमभाव से रहने के साथ-साथ विकास की राह पर भी आगे बढ़ रहे हैं। ग्रामीण धार्मिक होने के साथ-साथ शांत प्रवृति के भी है। बता दें कि करीब 400 साल पहले राजस्थान के नीमराना से पृथ्वीराज चौहान के वंशज आए थे। गांव का नाम भटेड़ा इसलिए रखा गया था कि यहां पर चूना मिट्टी (भाटा) की खान है। इसी आधार पर गांव का नाम भटेड़ा पड़ा था। गांव भटेड़ा में लोग खेतीबाड़ी पर भी निर्भर रहते हैं। एक-दूसरे की जरूरत को भी समझते हैं। वहीं ग्रामीण धार्मिक आस्था भी रखते है। गांव के गुदडिया धाम की काफी मान्यता है। ग्रामीणों के अनुसार यहां जुगलदास महाराज व मुनिराम महाराज जो कई साल पहले यहां एक झोपड़ी में रहते थे और यहीं तपस्या करते थे। अब यहां पर शिव धाम मंदिर बना दिया है। गांव में सभी लोग मिलजुलकर रहते हैं। जो दूसरों को भी भाईचारे के साथ रहने की प्रेरणा देते हैं। ग्रामीणों में देश सेवा का भी जज्बा

गांव भटेड़ा के सरपंच विनोद कुमार बताते हैं कि गांव के युवाओं में देश सेवा का भी जज्बा भरा हुआ है। देश की रक्षा के लिए सेना में भर्ती होने के लिए युवा वर्ग अभ्यासरत रहता है। ताकि सेना में जाकर देश की सेवा कर सके। वहीं गांव के राजपाल शेखावत फौज में रहते हुए बार्डर पर देश की रक्षा में अपनी प्राणों की आहुति दे चुके हैं। उनके बलिदान को भी नहीं भुलाया जा सकता। आज भी युवा वर्ग उन्हें याद करता है। बाक्स :

गांव भटेड़ा में पूर्वजों द्वारा गुंबज नुमा छतरी भी बनाई गई है। जिस पर शानदार कलाकारी का नजारा देखने को मिला है। जब इसे अंदर से देखा जाता है तो लगता है मानो इतिहास को संजोए हुए हो। पुराने जमाने की यादें दिलाता है। गांव की प्राचीन गुंबज नुमा छतरी बीते समय की शान और वैभवता का प्रतीक रही है। भटेड़ा के स्वर्णिम दौर की यादगार छतरी को भविष्य की पीढ़ी देख कर गौरवशाली इतिहास से प्रेरित हो सकेगी। -गांव भटेड़ा के लोग मिलनसार हैं और आपस में भाईचारे के साथ रहते हैं। गांव के सार्वजनिक कार्यों में सभी ग्रामीण बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। जिसकी बदौलत गांव लगातार प्रगति की राह पर चल रहा है। गांव दूसरों के लिए भी प्रेरणा का स्त्रोत है।

विनोद कुमार चौहान, सरपंच, भटेड़ा, झज्जर।

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