कोलकाता के फूलों से सजा मां भीमेश्वरी देवी का दरबार

- सुबह चार बजे से लग रही मां के दरबार में भक्तों की भीड़ - रात के समय में रोशनी से सज रहा मां बेरी का मंदिर

By JagranEdited By: Publish:Tue, 12 Oct 2021 07:00 PM (IST) Updated:Tue, 12 Oct 2021 07:00 PM (IST)
कोलकाता के फूलों से सजा मां भीमेश्वरी देवी का दरबार
कोलकाता के फूलों से सजा मां भीमेश्वरी देवी का दरबार

संवाद सूत्र, बेरी : नवरात्र के शुभारंभ के साथ ही विश्व प्रसिद्ध मां भीमेश्वरी देवी का दरबार भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिए गए। मां के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ अल सुबह चार बजे से ही उमडऩी शुरू हो जाती है। सिलसिला देर रात तक अंदर वाले दरबार में जारी रहता है। मां के दरबार को कोलकाता के फूलों से सजाया गया है। पोशाक भी विशेष तौर पर वहां से आई हैं। इससे पूर्व मां की मूर्ति को सुबह बाहर वाले मंदिर में लाया गया। जहां पुजारी कुलदीप शर्मा ने मंत्रोच्चार के मंगला आरती की। दोपहर को मां को अंदर वाले भवन में लाया गया। जहां मां को भोग लगाकर अंदर वाले दरबार में भक्तों के दर्शन के लिए रखा गया। बॉक्स : मां के भक्तों ने प्रशासन के इंतजामों के लिए प्रसन्नता जाहिर की और अपने सुझाव भी दिए। चांदी के सिंहासन पर मां का भव्य रूप का देश भर से आए श्रद्धालुओं ने दर्शन किया। मां की पोशाक कोलकाता से विशेष तौर पर तैयार की गई है। साथ ही मां के अंदर वाले मंदिर को फूलों से कारीगरों ने सजाया है। भक्तों ने पवित्र तालाब के दर्शन करते हुए परिवार की समृद्धि की कामना की और बच्चों का मुंडन करवाया। बॉक्स : श्रद्धालुओं ने मागी मन्नतें : इस दफा बेरी में रिकार्ड तोड़ भीड़ देखने को मिल रही हैं। दूर-दराज के क्षेत्रों से भक्तों ने पहुंचकर मां भीमेश्वरी देवी के दरबार में माथा टेककर मन्नतें मांगी वहीं नवविवाहित जोड़ों ने माता के दरबार में गठजोड़े की जात दी। लोगों ने अपने नवजात बच्चों का मुंडन भी करवाया। प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था व सुविधाओं की ²ष्टि से बेरी मेले को विभिन्न क्षेत्रों में बांटा गया हैं। दूधिया रोशनी से जगमगा रहा है बेरी : नवरात्र मेले में बेरी क्षेत्र की सभी गलियों में पूजन सामग्रियों सहित अन्य दूकानें बिजली की रोशनी से जगमगा रही थीं। दुकानों के बाहर सजाई गई एक से बढ़ कर एक मां की चुनरी की छटा देखते ही बन रही थी। इस दफा तो बेरी में प्रवेश करने वाले सभी मार्गाें पर रौनक पहले से अधिक दिखी। क्षेत्र के लोग भी यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए आतुर दिखाई दिए। वर्ष में दो दफा बनने वाले इस माहौल का असर यह है कि यहां हर कोई इसका इंतजार करता है और जब नवरात्र आते है तो ऐसा प्रतीत होता है कि यह सिलसिला जो चल रहा है वह निरंतर चलता ही रहना चाहिए। दिखी भक्तों में अथाह श्रद्धा : बेरी से झज्जर को जोड़ने वाला मार्ग हो या रोहतक, कलानौर व बहादुरगढ़ का मार्ग। प्रत्येक मार्ग पर पैदल चलने वाले भक्तों का जत्था नाचते कूदते हुए मंदिर की ओर आता हुआ दिखाई देता है। भक्तों में बहुतेरे तो ऐसे है जो अपनी मन्नत के पूरा होने के बाद परिवार सहित यहा मात्था टेकने के लिए पहुचे है। जबकि काफी ऐसे है जो इस उम्मीद में है कि माता उनके परिवार के प्रति अपना आशीर्वाद बनाते हुए उनकी मनोकामनाओं को पूरा करेगी। बच्चें, बड़े, बुजुर्ग, महिलाएं और पुरुष हर कोई भक्तों की भीड़ में खड़ा हुआ दिखाई देता है। रात भर भक्तों की भीड़ में काफी तो ऐसे भी रहे जिन्होंने पैदल यात्रा करते हुए मां के दर्शन किए और आशीर्वाद प्राप्त किया।

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