बदला अस्पताल का माहौल, महसूस हो रही अजीब सी शांति

कोरोना की दूसरी लहर का असर साफ देखने को मिल रहा हैं। जिला मुख्यालय स्थित सिविल अस्पताल में प्रवेश करने के बाद से ही अहसास होता है कि यहां स्वास्थ्य सुरक्षा के दृष्टिगत आपको नियमों का पालन करना ही पड़ेगा

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 07:20 AM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 07:20 AM (IST)
बदला अस्पताल का माहौल, महसूस हो रही अजीब सी शांति
बदला अस्पताल का माहौल, महसूस हो रही अजीब सी शांति

जागरण संवाददाता, झज्जर : कोरोना की दूसरी लहर का असर साफ देखने को मिल रहा हैं। जिला मुख्यालय स्थित सिविल अस्पताल में प्रवेश करने के बाद से ही अहसास होता है कि यहां स्वास्थ्य सुरक्षा के दृष्टिगत आपको नियमों का पालन करना ही पड़ेगा। हालांकि, उपचार के लिए आने वाले मरीज तो नियमों में लापरवाही नहीं बरत रहें। लेकिन, साथ में आने वाले तीमारदार जरूर बेपरवाही दिखा रहे हैं। इधर, सिविल अस्पताल में कार्यरत स्टॉफ की बात करें तो हर स्तर पर सुरक्षा के दृष्टि से नियमों का पालन किया जा रहा हैं। उपचार के आने वाले मरीजों से सीधा संपर्क करने की बजाय एक व्यवस्था बनाई गई हैं। ताकि, दोनों स्तर सुरक्षा का अहसास हो। स्टॉफ के लिए किसी भी तरह से मास्क, ग्लब्ज, पीपीई किट आदि की कोई किल्लत नहीं हैं। सेंट्रल स्टोर से जसमेर हुड्डा की अगुवाई में पूरी व्यवस्था संभाली जा रही हैं। लेकिन, जिस तरह से संक्रमितों की संख्या बढ़ रही हैं, अब अलग तरह की शांति जरूर अस्पताल में दिखती हैं। जो कि सभी को कचोट भी रही हैं। चेहरे पर दिख रहा मास्क, नहीं दिखने पर हो रही टोंका-टाकी : जिला अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों को ना केवल शारीरिक दूरी बल्कि मास्क पहनने के भी निर्देश दिए हुए हैं। यही निर्देश चिकित्सकों व अन्य स्टॉफ को भी दिया गया है। समय-समय पर सैनिटाइजर से हाथ साफ करने की व्यवस्था हर टेबल पर है। ताकि संक्रमण से सुरक्षित रहा जा सके। इधर, कोरोना टेस्ट व रिपोर्ट प्रक्रिया की बात करें तो विभाग द्वारा इसके लिए अलग से अस्पताल परिसर में खुले मैदान में व्यवस्था की गई है। ताकि अधिक लोग पहुंचने पर व्यवस्था को बनाया जा सकें। साथ ही संक्रमण का खतरा भी कम रहे। कोविड-19 की टेस्टिग के दौरान खुद की सुरक्षा के लिए स्टॉफ को आवश्यक उपकरण का प्रयोग कर रहे हैं। अस्पताल में रिपोर्ट लेने के लिए पहुंचने वालों के लिए अलग-अलग लाइन बनवाई गई है। जिसके लिए भी दूरी का ध्यान रखा जा रहा हैं।

खुले स्थान पर की गई वैक्सीनेशन की व्यवस्था

कोरोना वैक्सीन का टीकाकरण भी चल रहा है। वैक्सीनेशन प्रक्रिया की बात करें तो इस दौरान मौजूद स्टॉफ के लिए मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है। साथ ही जो लोग टीका लगवाने के लिए आते हैं, उन्हें भी मास्क पहना रहें हैं। जिसकी टीकाकरण के लिए ड्यूटी लगी है, वह ग्लब्स पहनकर टीकाकरण कर रहे हैं। ताकि संक्रमण से बचा जा सके। आइसोलेशन वार्ड की बात करें तो यहां पर तैनात स्टॉफ जब भी मरीजों के पास जाते है तो ना केवल मास्क बल्कि पीपीई किट पहनकर ही प्रवेश कर रहे हैं। जिससे कि मरीजों की देखभाल के साथ-साथ खुद की भी सुरक्षा की जा सके।

एक साल से कोरोना के दौर से हर कोई गुजर रहा हैं। स्वास्थ्य विभाग के स्टॉफ को अब आदत सी हो गई हैं। दरअसल, सभी ने समझ लिया है कि खुद के सुरक्षित रहे बगैर दूसरे का उपचार नहीं हो सकता है। फिर भी हर स्तर पर मिलने वाले सहयोग से ही हम कोरोना को मात दे पाएंगे।

डा. संजय दहिया, सिविल सर्जन, झज्जर

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