ऑनलाइन के बजाय ऑफलाइन परीक्षाओं के प्रति विद्यार्थियों का रुझान
जिले भर के कालेजों में एमए एम-कॉम व एमएससी सहित विभिन्न संकायों की परीक्षाएं शुरू हुई। परीक्षा शुरू होते ही कोरोना महामारी के बीच फिर से कालेजों में विद्यार्थियों की रौनक देखने को मिली।
जागरण संवाददाता, झज्जर : जिले भर के कालेजों में एमए, एम-कॉम व एमएससी सहित विभिन्न संकायों की परीक्षाएं शुरू हुई। परीक्षा शुरू होते ही कोरोना महामारी के बीच फिर से कालेजों में विद्यार्थियों की रौनक देखने को मिली। परीक्षाओं को लेकर विद्यार्थियों के पास ऑनलाइन व ऑफलाइन परीक्षा देने का विकल्प है। ताकि विद्यार्थी अपनी सुविधा अनुसार परीक्षा दे सके। लेकिन फिलहाल देखने में आ रहा है कि अधिकतर विद्यार्थी ऑफलाइन विकल्प का ही चयन कर रहे हैं।
कोरोना महामारी के बीच विद्यार्थी ऑनलाइन प्रक्रिया से तो जुड़े हैं, लेकिन अभी भी परीक्षा ऑनलाइन देने में अधिक रुझान नहीं दिखा रहे। वहीं विद्यार्थियों की सुविधा के लिए परीक्षा से पहले भी विकल्प में बदलाव का मौका दिया गया है। काफी विद्यार्थी कालेजों में पहुंचने के बाद भी अपने ऑनलाइन विकल्प को बदलकर ऑफलाइन परीक्षा दे रहे हैं। औसतन माने तो करीब 20-25 फीसद तक ही विद्यार्थी ऑनलाइन परीक्षा दे रहे हैं। वहीं कालेज प्रशासन ने ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों तरह की परीक्षा को लेकर तैयारी की हुई है। क्योंकि परीक्षा शुरू होने से पहले भी विद्यार्थी विकल्प का बदलाव कर सकते है, ऐसे में कालेजों द्वारा दोनों विकल्पों की तैयारी करना जरूरी है।
जैसे ही सुबह विद्यार्थी परीक्षा देने पहुंचे तो उनका स्वागत फूलों की बजाए थर्मल स्क्रीनिग व सैनिटाइजर से हुआ। कोरोना महामारी को देखते हुए कालेज में पहुंचने वाले विद्यार्थियों की थर्मल स्क्रीनिग की गई। वहीं सभी के हाथ सैनिटाइजर से साफ करवाए गए। ताकि विद्यार्थियों को कोरोना संक्रमण से बचाया जा सके। साथ ही विद्यार्थियों को मास्क पहनने, पानी की बोतल व सैनिटाइजर साथ लाने के लिए भी कहा गया था। परीक्षा रूम में शारीरिक दूरी बनाए रखने के लिए परीक्षार्थियों के मध्य एक-एक बेंच को खाली रखा गया। परीक्षा देकर विद्यार्थी भी काफी खुश नजर आए। बता दें कि केवल स्नातकोत्तर के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों की ही परीक्षा आयोजित की जा रही है। जबकि प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को बिना परीक्षा ही द्वितीय वर्ष में दाखिला दे दिया गया है। परीक्षा में शारीरिक दूरी बनाकर रखने सहित कोविड-19 से बचाव के नियमों का पालन किया गया। परीक्षा रूम में भी सैनिटाइजर रखवाया गया। विद्यार्थियों का रुझान ऑनलाइन की बजाए ऑफलाइन की तरफ अधिक है।
अनीता गोयल, प्रिसिपल, महाराजा अग्रसेन महिला महाविद्यालय, झज्जर। विद्यार्थी ऑफलाइन परीक्षा का चयन कर रहे हैं। मात्र 15-20 फीसद विद्यार्थियों ने ही ऑनलाइन परीक्षा दी। वहीं कालेज में एंट्री से पहले थर्मल स्क्रीनिग व हाथ सैनिटाइज करवाने की व्यवस्था की गई है।
दीपा कुमार, प्रिसिपल, नेहरू कालेज, झज्जर।