सत्संग सिखाता है जीवन जीने की कला : उपेंद्र कृष्ण
मनुष्य किसी न किसी रूप में तनावग्रस्त नजर आता है।
मनुष्य किसी न किसी रूप में तनावग्रस्त नजर आता है। फोटो : 10तथा 11 जागरण संवाददाता, झज्जर : तनाव से छुटकारा दिलाने में सहायक होते है धार्मिक आयोजन। यह बात मंदिर धर्मशाला सुनारों वाली में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में कथा वाचक उपेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि आज की भाग-दौड़ भरी जिदगी में हर मनुष्य किसी न किसी रूप में तनावग्रस्त नजर आता है। अगर हमनें तनाव से छुटकारा पाना है तो हमें धार्मिक आयोजनों की शरण में आना ही होगा। आचार्य ने कहा कि सत्संग वह स्थल है जहां प्रवेश करते ही मन में आ रहे बुरे विचार स्वयं ही समाप्त हो जाते है। उन्होंने कहा कि सत्संग हमें जीवन जीने की कला सिखाते है। सत्संग में आकर मनुष्य अपने आपको तनाव रहित महसूस करता है। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा में जीवन का सार छिपा है। श्रीमद्भागवत एकमात्र ग्रंथ है जिसके हर अध्याय में हमें कुछ न कुछ सीखने को मिलता है। उन्होंने कहा कि सत्संग में सीखी गई बाते हमारे जीवन पर अच्छा प्रभाव डालती है। इसलिए हमें धार्मिक आयोजनों में जाने की आदत डालनी चाहिए। श्रीमद्भागवत कथा के बीच-बीच में उपेन्द्र कृष्ण ने साथ आए संगीतकारों के साथ मधुर भजनों का भी रसापान कराया। मधुर भजनों पर श्रद्धालु झूमते नजर आए। इस मौके पर भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।