शस्त्र पूजन करके संघ ने मनाया स्थापना दिवस

- रावण सिर्फ एक व्यक्ति नहीं था बल्कि प्रत्येक बुराई का नाम है रावण अनिल

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 07:20 PM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 07:20 PM (IST)
शस्त्र पूजन करके संघ ने मनाया स्थापना दिवस
शस्त्र पूजन करके संघ ने मनाया स्थापना दिवस

जागरण संवाददाता, झज्जर :

शुक्रवार को दशहरा पर्व पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने सिद्ध मंदिर बाबा प्रसाद गिरिजी में शस्त्र पूजन करके स्थापना दिवस मनाया। कार्यकम में बतौर मुख्यवक्ता जिला बौद्धिक प्रमुख अनिल ने शिरकत की। अघ्यक्षता महंत मृत्युंजय गिरि महाराज ने की। कार्यक्रम का संचालन जिला संघ चालक महेन्द्र बंसल ने किया। स्वयं सेवकों को संबोधित करते हुए मुख्यवक्ता अनिल ने कहा कि संघ की स्थापना 1925 में नागपुर में हुई थी। संघ अपना स्थापना दिवस शस्त्र पूजन करके मनाता है। संघ साल भर में छह उत्सव मनाता है। उन्होंने कहा कि हिन्दू धर्म में सभी देवी-देवताओं के हाथों में कोई न कोई शस्त्र जरूर होता है। इसलिए संघ ने भी अपने गणवेश में दंड को शामिल किया। इसके अलावा जूता, जुराब, पैंट, सफेद शर्ट व काली टोपी भी गणवेश का हिस्सा हैं। कहा कि दशहरा पर्व बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है। रावण सिर्फ एक व्यक्ति नही था बल्कि प्रत्येक बुराई का नाम रावण है। उन्होंने कहा कि रामायण में जहां रावण बुराई का प्रतीक था वहीं भगवान श्रीराम अच्छाई के प्रतीक थे। भगवान श्रीराम ने पिता की आज्ञा को ही सर्वप्रिय मान कर आदर्श प्रस्तुत किया। भरत ने आज्ञाकारी भाई होने का आदर्श प्रस्तुत किया। माता सीता ने आदर्श नारी का चरित्र प्रस्तुत किया। रामायण में वर्णित है कि स्त्री के सम्मान के लिए पक्षियों तक ने अपने बलिदान दिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ मानवता भलाई के लिए सदैव तत्पर रहा है। जिला संघ चालक महेन्द्र बंसल ने कहा कि संघ का मूलमंत्र राष्ट्र सेवा ही भक्ति है रहा है। राष्ट्र को ही प्राथमिकता दी गई है। कार्यक्रम में सभी स्वयं सेवकों ने शस्त्रों का पूजन करके भारत के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

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