मांगों को लेकर 20 मई को काले बिल्ले लगाकर विरोध दिवस मनाएंगे ग्रामीण सफाई कर्मचारी
कोरोना महामारी में अपनी जान जोखिम में डालकर काम करने वाले सफाई कर्मचारियों को हरियाणा सरकार ने राम भरोसे छोड़ दिया है।
जागरण संवाददाता, झज्जर : कोरोना महामारी में अपनी जान जोखिम में डालकर काम करने वाले सफाई कर्मचारियों को हरियाणा सरकार ने राम भरोसे छोड़ दिया है। बार-बार मांग करने के बावजूद आज तक सरकार ने ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को न तो मास्क, ग्लब्ज, सैनिटाइजर जैसी सुरक्षा किट दी है और ना ही 50 लाख बीमा कवरेज दिया है। ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन हरियाणा (सीटू) के जिला प्रधान प्रांतीय महासचिव विनोद कुमार, जिला प्रधान नरेश, जिला सचिव संदीप सिंह व सीटू जिला प्रधान सरोज दुजाना व सीटू जिला सहसचिव रामचंद्र ने प्रेस बयान जारी किया। जिसमें उन्होंने कहा कि सरकार सफाई कर्मियों को कोरोना योद्धा की उपाधि तो दे रही है, लेकिन उनकी सुरक्षा की कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। कोरोना महामारी में हर व्यक्ति अपने घर में है और सफाई कर्मचारी अपनी जान को जोखिम में डालकर सफाई कार्य कर रहे हैं। साथ ही ग्रामीण इलाकों में कोरोना से मरने वाले व्यक्तियों का दाह संस्कार और कोरोना मरीजों के लिए केंद्रों की साफ-सफाई का कार्य भी कर रहा है। लेकिन इसके बावजूद ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को पर्याप्त मात्रा में पीपीई कीट, मास्क, सैनिटाइजर, ग्लब्ज आदि सुरक्षा उपकरण तक नहीं दिए जा रहे, ना ही किसी प्रकार का जोखिम भत्ता और बीमा कवरेज दिया जा रहा। इसलिए 20 मई को प्रदेश भर में अपना कार्य करते हुए काले बिल्ले-काली पट्टी बांधकर विरोध दिवस मनाएंगे। साथ ही 26 मई को सभी कर्मचारी अपने कार्य स्थल पर विरोध प्रदर्शन करेंगे और सरकार ने फिर भी समाधान नहीं किया तो दाह संस्कार जैसे काम का बहिष्कार करके बीडीपीओ ब्लॉक पर प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।