एक पुलिस कर्मी सस्पेंड, होम गार्ड की बर्खास्तगी के लिए सिफारिश, लोगों का गुस्सा शांत नहीं

- पीड़िता की मां ने कहा समय से मिलती मदद तो शायद जिदा होती बेटी

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Dec 2020 07:00 AM (IST) Updated:Wed, 23 Dec 2020 07:00 AM (IST)
एक पुलिस कर्मी सस्पेंड, होम गार्ड की बर्खास्तगी के लिए सिफारिश, लोगों का गुस्सा शांत नहीं
एक पुलिस कर्मी सस्पेंड, होम गार्ड की बर्खास्तगी के लिए सिफारिश, लोगों का गुस्सा शांत नहीं

- पीड़िता की मां ने कहा, समय से मिलती मदद तो शायद जिदा होती बेटी

- जस्टिस फॉर एवरीवन संस्था ने बढ़ाया पीड़ित परिवार के लिए मदद का हाथ फोटो : 9 से 15 जागरण संवाददाता, झज्जर : अपने घर से करीब आधा किलोमीटर दूर शहर थाना में मासूम बेटी के लिए मदद की गुहार लगाने पहुंची मां के साथ हुए दु‌र्व्यवहार की पीड़ा मंगलवार को जाम लगा रहे लोगों के गुस्से के साथ देखने को मिलीं। प्रदर्शनकारियों की भीड़ में शामिल मासूम की मां बार-बार सवाल कर रही थी कि क्या वह इसीलिए सैंकड़ों किलोमीटर दूर अपने परिवार की गुजर बसर चलाने के लिए आए थे। अगर पहली सूचना पर पुलिस की टीम मदद के लिए पहुंच जाती तो शायद उनकी बेटी आज जिदा होती। लेकिन, समय पर मदद नहीं मिल पाने की वजह से उसे सिटी थाना से दूर पुलिस कप्तान के यहां तक गुहार के लिए जाना पड़ा। जिसके बाद आरोपित तक पुलिस के हाथ पहुंचे। लेकिन, तब तक काफी देर हो चुकी थी। मां की पीड़ा को महसूस करते हुए साथी महिला मजदूरों ने सिटी थाना में तैनात पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई किए जाने की बात कही। ताकि, भविष्य में किसी भी बेटी के साथ ऐसा दोबारा से नहीं होने पाए। इधर, लगातार दूसरे दिन लोगों का सड़क पर गुस्सा देखने को मिला। सुबह से ही लोग बड़ी संख्या में यादव धर्मशाला के क्षेत्र में जाम लगाने के लिए पहुंचें। चौक से होकर गुजरने वाले वाहनों को उन्होंने काफी समय तक यहां से नहीं गुजरने दिया। सूचना के बाद डीएसपी राहुल देव की अगुआई में भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंचा। काफी प्रयासों के बाद स्थिति पर नियंत्रण बन पाया। एक पुलिस कर्मी सस्पेंड, होम गार्ड की बर्खास्तगी के लिए सिफारिश : सिटी थाना में घटनाक्रम की रात नाइट ड्यूटी पर तैनात स्टॉफ के दो सदस्यों के खिलाफ लापरवाही पाए जाने के मामले में अनुशानात्मक कार्रवाई की गई है। हवलदार अनिल को सस्पेंड तथा होमगार्ड रोहित को बर्खास्त किए जाने की सिफारिश की गई है। हालांकि, एसपी की ओर से एएसपी विक्रांत भूषण को विभागीय जांच भी सौंपी है। ताकि, स्थिति स्पष्ट हो। साथ ही अन्य कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ भी कार्यवाही की जा सके। जबकि, जाम लगा रहे लोग दो स्टॉफ सदस्यों को सस्पेंड किए जाने के पहलु पर भी खासे नाराज दिखें। लोगों का कहना था कि अगर गंभीरता से जांच होती है तो अन्य दोषी चेहरे भी सामने आएंगे। जस्टिस फॉर एवरीवन ने बढ़ाया मदद का हाथ :

पीड़ित परिवार को न्यायिक मदद देने के लिए पहुंचे जस्टिस फॉर एवरीवन संस्था के सचिव एडवोकेट सुनील शर्मा ने भी कहा कि प्राथमिक स्तर पर पुलिस की जो मदद परिवार को मिलनी चाहिए थी, वैसा नहीं हो पाया। इसीलिए, नए सिरे से थाना प्रभारी सहित मौजूद टीम के खिलाफ जांच होनी चाहिए। क्योंकि, मामले की गंभीरता को देखते हुए ऐसा किया जाना जरूरी है। साथ ही उन्होंने पीड़ित परिवार को हर स्तर पर न्यायिक मदद किए जाने के लिए भी आश्वस्त किया। एडवोकेट सुनील शर्मा ने बताया कि रेयान इंटरनेशनल स्कूल के मामले में भी उन्होंने गाड़ी के परिचालक को हर संभव न्यायिक मदद की थी। ठीक वैसा ही मदद का हाथ बढ़ाने के लिए उनकी टीम यहां पर झज्जर पहुंची है।

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