रात का रिपोर्टर : नए सिरे से रात को भी शहर के चौक-चौराहों पर दिखने लगी चहल-पहल

- जागरण प्रभाव पुराना तहसील रोड से रेलवे स्टेशन की तरफ जाने वाले रोड स्थित चौक पर लगी लाइट

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Sep 2021 08:20 PM (IST) Updated:Wed, 08 Sep 2021 08:20 PM (IST)
रात का रिपोर्टर : नए सिरे से रात को भी शहर के चौक-चौराहों पर दिखने लगी चहल-पहल
रात का रिपोर्टर : नए सिरे से रात को भी शहर के चौक-चौराहों पर दिखने लगी चहल-पहल

जागरण संवाददाता, झज्जर :

कोरोना महामारी के कारण लोग अपने घरों में ही रहना पसंद करते थे। खासकर रात के समय शहर की सड़के भी सुनसान हो जाती थी। लेकिन अब कोरोना के मामलों में गिरावट के साथ ही लोग भी घरों से बाहर निकलने लगे हैं। अब रात के समय भी सड़कों पर व चौक-चौराहों पर लोग घूमते हुए दिख जाते हैं। साथ ही लोगों की सुविधा अनुसार रात को दुकानें भी खुली रहती है। शहर में चहल-पहल दिखाई देती है। कुछ ऐसा ही नजारा मंगलवार रात को देखने को मिला। जब दैनिक जागरण की टीम ने रात का रिपोर्टर कार्यक्रम के तहत शहर का निरीक्षण किया। इस दौरान दैनिक जागरण की टीम अंबेडकर चौक, बीकानेर चौक, पुराना तहसील रोड, जिला अस्पताल, राव तुलाराम चौक आदि क्षेत्रों का दौरा किया। जिस दौरान शहर के विभिन्न चौक-चौराहों पर लोग घूमते हुए दिखे। साथ ही रात ढलते ही लोग सड़कों पर घूमने के लिए निकलते हैं। पुराना तहसील रोड से रेलवे स्टेशन की तरफ जाने वाले रोड स्थित चौक पर पिछले लंबे समय से स्ट्रीट लाइट नहीं होने के कारण अंधेरा छाया हुआ था। जिस कारण वहां से गुजरने वालों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। रात के समय चौक पर अंधेरा होने के कारण हादसों व अपराधों का डर भी बना रहता था। अंधेरा से होने वाली लोगों की परेशानी को देखते हुए रात का रिपोर्टर कार्यक्रम के तहत दैनिक जागरण ने लोगों की इस समस्या को प्रमुखता से उठाया था। जिसके बाद प्रशासन भी हरकत में आया। आखिरकार अब यहां चौक पर लाइट लगा दी गई है। जिससे चौक पर रोशनी रहने लगी है। वहां से गुजरने वाले लोगों को भी राहत मिली है।

रात के समय शहर की विभिन्न सड़कों पर बेसहारा पशु भी घूमते रहते हैं। नगर परिषद ने बेसहारा पशुओं को पकड़ने के लिए अभियान भी चलाया, लेकिन इसके बावजूद भी शहर वासियों को गोवंशों से राहत नहीं मिली है। अभी भी बेसहारा पशु कूड़े के ढेर में मुंह मारते नजर आते हैं। साथ ही सड़कों पर बेसहारा पशुओं के घूमने के कारण वाहन चालकों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

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