एक साथ 101 कन्याओं को कराया भोजन, आज रावण दहन से पहले निकाली जाएगी शोभायात्रा

- परोपकारी सभा की ओर से सनातन धर्म महावीर मंदिर में करेगी रावण दहन का कार्यक्रम तैयारियां जोरों पर

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 06:00 PM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 06:00 PM (IST)
एक साथ 101 कन्याओं को कराया भोजन, आज रावण दहन से पहले निकाली जाएगी शोभायात्रा
एक साथ 101 कन्याओं को कराया भोजन, आज रावण दहन से पहले निकाली जाएगी शोभायात्रा

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:

सनातन धर्म महावीर मंदिर में नवमी के अवसर पर परोपकारी सभा की ओर से 101 कन्याओं का तिलक कर व पांव धोकर पूजन किया गया। उन्हें भोजन कराया गया। यथाशक्ति दान देकर नवमी मनाई गयी। मंदिर के पुजारी पंडित शिव कुमार ने पूजा करवाई। पूजा करने वालों में मंदिर के प्रधान जगदीश एलावाधी, अशोक दुआ, मुरार बत्रा, यश मालिक, शमशेर ठकराल व कुणाल दुआ आदि प्रमुख थे। साथ ही मंदिर में विजयदशमी की तैयारियां भी जोरों से की जा रही हैं। रावण दहन से पहले विजयदशमी की शोभा यात्रा निकाली जाएगी। दोपहर 2.30 बजे बैंड बाजों के साथ शोभा यात्रा महावीर मंदिर से चल कर मेन बाजार, पुरानी सब्जी मंडी, सुभाष चौक, गांधी चौक, शिव हनुमान मंदिर किला मोहल्ला से होती हुई वापस सनातन धर्म मंदिर में पांच बजे समाप्त होगी। इसके बाद शाम 5.53 बजे कोरोना सभी दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए रावण दहन किया जाएगा। समारोह में मुख्य अतिथि पूर्व विधायक नरेश कौशिक होंगे। शोभा यात्रा के मार्ग में जगह-जगह स्वागत होगा व प्रसाद वितरण होगा। सामूहिक रावण दहन से इस बार भी परहेज, मंदिर में 10 फीट ऊंचा पुतला किया जाएगा दहन:

कोरोना भले ही शांत हो गया हो, लेकिन इस बार भी रावण दहन का सामूहिक कार्यक्रम नहीं हो पाएगा। वैसे तो हर साल ही 40 फीट से भी ऊंचे रावण के पुतले का दहन होता रहा है, लेकिन कोरोना में पिछले साल की तरह ही इस बार भी परोपकारी सभा द्वारा महाबीर मंदिर में ही दशहरा परंपरा निभाई जाएगी। यहां पर 10 फीट ऊंचे रावण के पुतले का सीमित लोगों की उपस्थिति में दहन होगा। मयंक क्लब की ओर से नहीं होता आयोजन:

वर्षाें तक शहर में दो जगहों पर रावण दहन के कार्यक्रम होते रहे। एक तरफ मयंक क्लब की ओर से आयोजन किया जाता था और दूसरी तरफ परोपकारी सभा की तरफ से। मयंक क्लब की ओर से कई साल से रावण दहन का कार्यक्रम नहीं किया जाता। दूसरी तरफ परोपकारी सभा के रावण दहन कार्यक्रम पर भी दो साल से कोरोना का साया है। चूंकि अभी कोरोना शांत है, लेकिन खत्म नहीं हुआ है। ऐसे में एक जगह पर भारी भीड़ एकत्रित करने के कार्यक्रम को प्रशासनिक तौर पर भी अनुमति नहीं मिल सकती।

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