संदिग्ध मौतों के बाद सुनसान हो रही गांव की गलियां

फोटो 6 से 11 - पिछले करीब एक माह में हुई 30 से अधिक मौत

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 06:59 AM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 06:59 AM (IST)
संदिग्ध मौतों के बाद सुनसान हो रही गांव की गलियां
संदिग्ध मौतों के बाद सुनसान हो रही गांव की गलियां

पूर्ण कौशिक, बेरी

माजरा गांव का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा है। कोरोना महामारी की दूसरी लहर से पहले तक गांव में सभी कुछ सामान्य ही प्रतीत होता था। लेकिन, फिलहाल जो समस्या हर जगह दिखाई दे रही है, उससे यह गांव भी अछूता नहीं है। पिछले करीब एक माह में 30 से अधिक संदिग्ध मौत गांव में हो चुकी है। ग्रामीणों में डर का माहौल बनने लगा है।

गांव की गलियां सुनसान है। अक्सर व्यस्त रहने वाली गांव की चौपाल भी सुनसान है। सिर्फ चौपाल की देखभाल करने वाले लोगों को छोड़कर अन्य ने यहां आना ही छोड़ दिया है। साथ में हुक्का पीना और ताश खेलना, अब ग्रामीण छोड़ चुके हैं। बच्चों को घर से बाहर नहीं निकलने दिया जाता। कुल मिलाकर, संकट के इस समय में भी ग्रामीण एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ रहे। जरूरत के समय पर मदद करने से पीछे नहीं हट रहे। जो कि गांव के भाईचारे के प्रति व्यवहार को दर्शाता है। अब तो हुक्के से भी परहेज

समाज सेवी सूरजमल कौशिक ने बताया कि हुक्का पीना हमारी संस्कृति का हिस्सा है। खासकर बुजुर्ग गांव में बातचीत के लिए एक जगह जुटते हैं और हुक्का पीते हैं। लेकिन वर्तमान में हर किसी को अहसास हो गया कि कोरोना वायरस के संक्रमण के मद्देनजर यह खतरनाक हो सकता है। अब कोई भी बाहर हुक्का पीते हुए कोई नजर नहीं आता है। सूरजमल के मुताबिक पहले गांव में हुक्का पीना और ताश खेलना आम बात होती थी। इसके लिए कई लोग एक जगह जमा भी हो जाते हैं। लेकिन, आजकल लोग ऐसा करने से परहेज कर रहे हैं। इतना बुरा वक्त नहीं देखा

सरपंच प्रतिनिधि रामचंद्र उर्फ डुंडा प्रधान के मुताबिक पिछले करीब एक माह में गांव में 30 से अधिक मौत हो चुकी है। जिनका कारण स्पष्ट नहीं है। डुंडा प्रधान के मुताबिक ऐसा वक्त पहले कभी नहीं देखा था और ना सुना। हो रही मौत को लेकर सभी की अपनी-अपनी राय है। लेकिन, स्पष्ट तौर पर पुष्टि नहीं हो पा रही। क्योंकि बिना कोरोना जांच के ही मौत होने पर अंतिम संस्कार किया जा रहा है। मौजूदा समय में शायद ही किसी घर से कोई व्यक्ति बुखार से बचा हो। लोग अब घर से बाहर निकलने से परहेज करते हैं। आपस में बैठना तो अब खत्म ही हो गया है। बच्चों को भी घर से बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा। इधर, अब घर में मास्क और सैनिटाइजर का इस्तेमाल हो रहा है। मामले की गंभीरता को देख लोग पहले से ज्यादा चितित है।

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