जागरण सरोकार : कम कीमत पर पौष्टिकता के साथ मासूमों की नींव हो रही मजबूत

- आंगनबाड़ियों को बनाया जा रहा आत्मनिर्भर सब्जियों के लिए नहीं होगी परेशानी

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 06:10 AM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 06:10 AM (IST)
जागरण सरोकार : कम कीमत पर पौष्टिकता के साथ मासूमों की नींव हो रही मजबूत
जागरण सरोकार : कम कीमत पर पौष्टिकता के साथ मासूमों की नींव हो रही मजबूत

- आंगनबाड़ियों को बनाया जा रहा आत्मनिर्भर, सब्जियों के लिए नहीं होगी परेशानी

- पहले चरण में ग्रामीण आंचल की 100 आंगनबाड़ियों में तैयार की गई सब्जियों का मासूम करेंगे सेवन फोटो : 27 जेएचआर 1 से 4 दीपक शर्मा, झज्जर :

कम कीमत पर पौष्टिकता के साथ अब मासूमों की नींव मजबूत हो रही है। ऐसा होने से मासूम स्वस्थ भी रहेंगे और हष्ट-पुष्ट भी। दरअसल, मासूमों की नींव को मजबूत करने की सोच को केंद्र में रखते हुए एक नई मुहिम शुरु की गई है। जिसमें आंगनबाड़ियों में आने वाले बच्चों के खाने के लिए बाजार से खरीदी गई सब्जियां नहीं लेनी पड़ेगी। बल्कि वहां के आंगन में उगाई गई सब्जियों का सेवन ही उन्हें करवाया जाएगा। जिनकी गुणवत्ता व शुद्धता पर भी विश्वास होगा। सीधे तौर पर मासूमों को ताजी सब्जियां व अन्य खाद्य सामग्री मिला करेगी। आंगनवाड़ी वर्कर्स की यह जिम्मेवारी लगाई जा रही है।

महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जिला की 1130 आंगनबाड़ियों में से 100 में किचन गार्डनिग शुरू करवाई जा रही है। पहले चरण में ग्रामीण आंचल में 100 ऐसे स्थानों का चयन किया गया है। जहां पर किचन गार्डनिग करने के लिए पर्याप्त स्थान उपलब्ध है। आंगनबाड़ी वर्कर को प्रोत्साहन के लिए विभाग द्वारा 5 हजार रुपये की आर्थिक मदद भी दी जा रही है। ताकि, कार्य की मजबूत शुरुआत करना संभव हो। प्राथमिकता हरी पत्तेदार सब्जियों की बिजाई की रखी गई है। कुछ समय के बाद जब आंगनबाड़ी के आंगन में भी सब्जियां तैयार हो जाएगी तो उन्हें बाजार से खरीदकर नहीं लाना पड़ेगा। साथ ही मासूम भी सीधे तौर पर पौष्टिक भोजन के साथ-साथ खेती से भी जुड़ पाएंगे। जबकि, कुछ आंगनबाड़ियों में हरियाली दिखने भी लग गई हैं। बॉक्स :

-खंड मातनहेल में : चढ़वाना, रेढूवास, बहू, खानपुर खुर्द, खानपुर कलां, सेहलंगा-1, सेहलंगा-2, भिडावास-1, भिडावास-2, छुछकवास, खापड़वास-1, खापड़वास-2, झांसवा-1, झांसवा-2

-खंड डीघल में : लकड़िया, मदाना कलां, बाकरा, दुबलधन-1, दुबलधन-2, दुबलधन-3, गोच्छी, अच्छेज-1, अच्छेज-2, अच्छेज-3, भंभेवा, बहराणा, डीघल, वजीरपुर-1, वजीरपुर-2, धांधलान, दिमाना, बिसाहन

-खंड साल्हावास में : चांदपुर, पटासनी, निवाड़ा, फतेहपुरी, भूरावास, धनिया, गिरधरपुर, तुंबाहेड़ी-1, तुंबाहेड़ी-2, सुबाना

-खंड झज्जर में : नंगला, सौंधी, गिरावड़-1, गिरावड़-2, गिरावड़-3, हसनपुर, शेखपुर जट्ट, जौंधी, कबलाना, खातीवास, बिरधाना, तलाव, महराणा-1, महराणा-2, दुजाना, सिलानी, सिलाना, छबिली, उटलौधा, रायपुर, खेड़ी सुलतान-1, खेड़ी सुलतान-2, पाटोदा, लाडपुर-1, लाडपुर-2, लाडपुर-3 -खंड बहादुरगढ़ आर-2 में : ईशरहेड़ी, लावा खुर्द-1, लावा खुर्द, मुंडाखेड़ा, बादशाह, इस्माईलपुर, दुल्हेड़ा-1, दुल्हेड़ा-2, गोयला कलां, शाहपुर, बुपनिया-1, बुपनिया-2, बादली-1, बादली-2

-खंड बहादुरगढ़ आर-1 में : जसौर खेड़ी-1, जसौर खेड़ी-2, असौदा, बराही, जाखोदा, सांकोल-1, सांकोल-2, कसार, छारा, असंढ़ा, रेवाड़ी खेड़ा, टांडाहेड़ी, कानौंदा, कुलासी, नयागांव-1, नयागांव-2, रोहद-1, रोहद-2 - 100 आंगनबाड़ियों में किचन गार्डनिग शुरू की गई है। प्रति आंगनबाड़ी 5 हजार रुपये की आर्थिक मदद भी दी गई है। काफी सकारात्मक परिणाम सामने आए है। आने वाले समय में ऐसी आंगनबाड़ी की संख्या को और भी बढ़ाया जाएगा।

नीना खत्री, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला और बाल विकास विभाग, झज्जर।

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