चिकित्सक रूम के बाहर से हो रही पूछताछ, फिर से अस्पताल में दिखने लगा सख्त माहौल

- स्वास्थ्य सुरक्षा के दृष्टिगत मास्क पहनकर काम कर रहा स्टाफ

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 07:20 AM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 07:20 AM (IST)
चिकित्सक रूम के बाहर से हो रही पूछताछ, फिर से अस्पताल में दिखने लगा सख्त माहौल
चिकित्सक रूम के बाहर से हो रही पूछताछ, फिर से अस्पताल में दिखने लगा सख्त माहौल

- स्वास्थ्य सुरक्षा के दृष्टिगत मास्क पहनकर काम कर रहा स्टाफ

- जिला मुख्यालय स्थित सिविल अस्पताल में नहीं संसाधनों की कमी फोटो : 17 जेएचआर 8, 9, 19 जागरण संवाददाता, झज्जर :

कोरोना की दूसरी लहर का असर साफ देखने को मिल रहा हैं। जिला मुख्यालय स्थित सिविल अस्पताल में प्रवेश करने के बाद से ही अहसास होता है कि यहां स्वास्थ्य सुरक्षा के दृष्टिगत आपको नियमों का पालन करना ही पड़ेगा। अगर आप नियमों का पालन करने में बेपरवाही दिखाते हैं तो आपसे सख्त लहजे में बात की जा सकती है। हालांकि, उपचार के लिए आने वाले मरीज तो नियमों में लापरवाही नहीं बरत रहें। लेकिन, साथ में आने वाले तीमारदार जरूर बेपरवाही दिखा रहे हैं। इधर, सिविल अस्पताल में कार्यरत स्टाफ की बात करें तो हर स्तर पर सुरक्षा की दृष्टि से नियमों का पालन किया जा रहा हैं। मरीजों से सीधा संपर्क करने के बजाय एक व्यवस्था बनाई गई हैं। ताकि, दोनों स्तर पर सुरक्षा की जा सके। स्टाफ के लिए किसी भी तरह से मास्क, ग्लब्ज, पीपीई किट आदि की कोई किल्लत नहीं हैं। सेंट्रल स्टोर से जसमेर हुड्डा की अगुआई में पूरी व्यवस्था संभाली जा रही हैं। डिमांड के हिसाब से सप्लाई चल रही हैं। पहली लहर के दौरान के अनुभवों को मद्देनजर रखते हुए अब की दफा और अधिक मजबूती से विभाग ने तैयारी की हैं। दूरी बनाकर मरीज से हो रही पूछताछ : जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों को चिकित्सक बाहर से ही पूछताछ करके दवाई दे रहे हैं। मरीज सीधे चिकित्सक रूम में प्रवेश न करें, इसके लिए कक्ष के बाहर रस्सी लगाई है। विशेष तौर पर कर्मचारी भी यहां तैनात है। ताकि कोई भी मरीज सीधे चिकित्सक रूम में प्रवेश न करें। चिकित्सक गेट से ही पूछताछ के आधार पर उपचार लिख रहे हैं। वहीं अधिक जरूरी होने पर ही मरीजों को चिकित्सक रूम में प्रवेश करने की अनुमति है। हर चेहरे पर दिख रहा मास्क, नहीं दिखने पर हो रही टोंका-टाकी : जिला अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों को न केवल शारीरिक दूरी बल्कि मास्क पहनने के भी निर्देश दिए हुए हैं। यही निर्देश चिकित्सकों व अन्य स्टाफ को भी दिया गया है। समय-समय पर सैनिटाइजर से हाथ साफ करने की व्यवस्था हर टेबल पर है। ताकि संक्रमण से सुरक्षित रहा जा सके। इधर, कोरोना टेस्ट व रिपोर्ट प्रक्रिया की बात करें तो विभाग द्वारा इसके लिए अलग से अस्पताल परिसर में खुले मैदान में व्यवस्था की गई है। ताकि अधिक लोग पहुंचने पर व्यवस्था को बनाया जा सकें। साथ ही संक्रमण का खतरा भी कम रहे। कोविड-19 की टेस्टिग के दौरान खुद की सुरक्षा के लिए स्टाफ को आवश्यक उपकरण का प्रयोग कर रहे हैं। अस्पताल में रिपोर्ट लेने के लिए पहुंचने वालों के लिए अलग-अलग लाइन बनवाई गई है। जिसके लिए भी दूरी का ध्यान रखा जा रहा हैं। खुले स्थान पर की गई वैक्सीनेशन की व्यवस्था

कोरोना वैक्सीन का टीकाकरण भी चल रहा है। वैक्सीनेशन प्रक्रिया की बात करें तो इस दौरान मौजूद स्टाफ के लिए मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है। साथ ही जो लोग टीका लगवाने के लिए आते हैं, उन्हें भी मास्क पहना रहें हैं। जिसकी टीकाकरण के लिए ड्यूटी लगी है, वह ग्लब्ज पहनकर टीकाकरण कर रहे हैं। ताकि संक्रमण से बचा जा सके। आइसोलेशन वार्ड की बात करें तो यहां पर तैनात स्टाफ जब भी मरीजों के पास जाते है तो न केवल मास्क बल्कि पीपीई किट पहनकर ही प्रवेश कर रहे हैं। जिससे कि मरीजों की देखभाल के साथ-साथ खुद की भी सुरक्षा की जा सके। प्रतिक्रिया :

पिछले करीब एक साल से कोरोना के दौर से हर कोई गुजर रहा हैं। स्वास्थ्य विभाग के स्टाफ को अब आदत सी हो गई हैं। दरअसल, सभी ने समझ लिया है कि खुद के सुरक्षित रहे बगैर दूसरे का उपचार नहीं हो सकता है। संसाधनों की किसी भी स्तर पर कोई किल्लत नहीं हैं।

-डा. संजय दहिया, सिविल सर्जन, झज्जर

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