वीडब्ल्यूएससी सदस्य को दी ओटी किट प्रयोग की जानकारी
जल जीवन मिशन के तहत जिले की ग्राम जल एवं सीवरेज समिति सदस्यों को पेयजल की गुणवत्ता के प्रति सजग किया जा रहा है।
संवाद सूत्र, साल्हावास : जल जीवन मिशन के तहत जिले की ग्राम जल एवं सीवरेज समिति सदस्यों को पेयजल की गुणवत्ता के प्रति सजग किया जा रहा है। इस कड़ी में सोमवार को खंड मातनहेल के ब्लाक कार्यालय में विभिन्न गांव से आये ग्राम जल एवं सीवरेज कमेटी सदस्यों को जागरूक किया गया। इस एक दिवसीय क्षमता सम्वर्धन कार्यशाला में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के जल एवं स्वच्छता सहायक संगठन के जिला सलाहकार श्याम अहलावत ने बताया कि विभाग द्वारा पेयजल की सप्लाई से पहले पानी को कीटाणु रहित करने के लिए क्लोरिनेशन किया जाता है। क्लोरिन की जांच हेतु ग्राम पंचायतों में बनी ग्राम जल एवं सीवरेज समिति सदस्यों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। ताकि उपभोक्ता खुद पानी की गुणवता जांच सके। उन्होंने बताया कि जीवाणु परीक्षण किट प्रत्येक ग्राम पंचायत की वीडब्ल्यूएससी सदस्य, महिलाओं, स्कूली बच्चों, आंगनबाड़ी वर्करों में प्रदान करके ग्रामीणों के माध्यम से ही पीने के पानी की जांच करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि पेयजल दूषित ना हो इसके लिए सभी उपभोक्ता अपने नलों को घर के अंदर स्टैंड पोस्ट करके नल पर टूंटी अवश्य लगायें। कोई भी नल जमीन में लेटा ना हो। साथ ही गांव की पेयजल पाइपलाइन अगर कहीं से लीेकेज है तो उन्हें तुरंत ठीक करवायें। इसके लिए विभाग ने शिकायत निवारण हेतु टोल फ्री नं. 18001805678 भी उपभोक्ताओं को प्रदान कर रखी है। क्लोरिनेशन जांच के लिए अभी तक जिले की सभी 247 ग्राम पंचायतों के वीडब्ल्यूएससी सदस्यों को क्लोरिन जांच किट यानि ओटी किट प्रदान की जा चुकी है। वहीं इस अवसर पर कमेटी सदस्यों को जल जीवन मिशन के तहत होने वाले कार्यो में उनकी भूमिका के बारे में जानकारी दी। साथ ही कमेटी सदस्यों को पेयजल योजनाओं की देखरेख,रखरखाव के साथ साथ रिकार्ड मेनटेन आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस मौके पर बीआरसी, सरपंच,पंच, आंगनबाड़ी वर्कर, आशा वर्कर, एएनएम, चौकीदार आदि सहित अनेक वीडब्ल्यूएससी सदस्य उपस्थित रहे।