स्कूल व कालेज की रसीद लेकर फ्री यात्रा करने वाले विद्यार्थियों की बढ़ी संख्या, रोडवेज ने की सख्ती

- टिकट चेकिग के दौरान विद्यार्थी दिखाते हैं स्कूल या कालेज की रसीद - इस बार मात्र पांच-छह छात्रों ने ही बनाए पास विद्यार्थियों के साथ कालेज व स्कूल पर कार्रवाई की तैयारी

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Nov 2021 09:00 PM (IST) Updated:Wed, 24 Nov 2021 09:00 PM (IST)
स्कूल व कालेज की रसीद लेकर फ्री यात्रा करने वाले विद्यार्थियों की बढ़ी संख्या, रोडवेज ने की सख्ती
स्कूल व कालेज की रसीद लेकर फ्री यात्रा करने वाले विद्यार्थियों की बढ़ी संख्या, रोडवेज ने की सख्ती

जागरण संवाददाता, झज्जर : कोरोना महामारी में एक तो स्कूल व कालेज बंद रहे, वहीं अब नए सेशन से विद्यार्थी स्कूल व कालेज की रसीद लेकर बसों में फ्री यात्रा कर रहे हैं। यह मामला विभागीय स्तर पर जुटाए गए फीडबैक में सामने आया है। जिस कारण रोडवेज विभाग को घाटा हो रहा है। दरअसल, जब भी फ्लाइंग विद्यार्थियों की टिकट चेक करती है तो वे कालेज या स्कूल द्वारा जारी की गई रसीद ही दिखा देते हैं। अभी तक केवल पांच-छह छात्रों ने ही अपने पास बनवाए हैं। इसलिए रोडवेज ने भी सख्ती करना आरंभ कर दिया है। जिस भी स्कूल-कालेज के विद्यार्थी रसीद दिखाते हैं, उसे चेतावनी देकर पास बनवाने की बात कही जा रही है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया जा रहा है कि आगामी सख्त कार्रवाई की जाएगी। सामने आए फीडबैक के आधार पर बिना टिकट यात्रा करने वालों पर रोडवेज विभाग की फ्लाइंग सख्ती कर रही है। इस दौरान बसों में यात्रा कर रहे यात्रियों की टिकट भी चेक की जाती है। लेकिन जब टिकट चेकिग में विद्यार्थियों की बारी आती है तो बिना टिकट यात्रा करने वाले विद्यार्थियों में से करीब 85-90 प्रतिशत विद्यार्थी केवल कालेज या स्कूल द्वारा जारी रसीद दिखाते हैं। विद्यार्थियों का कहना रहता है कि उन्होंने कालेज या स्कूल में पास बनवाने के लिए फीस जमा करवाई हुई है। केवल स्कूल या कालेज की रसीद पर यात्रा करने वालों में लड़के ही नहीं लड़कियां भी काफी शामिल हैं। जिसे देखते हुए रोडवेज विभाग ने कालेज व स्कूलों को जल्द से जल्द पास बनवाने के लिए भी कहा गया है।

बता दें कि स्कूल या कालेज में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए साल में दो दफा पास बनाए जाते हैं। दाखिले के समय बनाए जाने वाले पास की वैधता दिसंबर माह तक होती है। अब नवंबर माह का अंतिम सप्ताह चल रहा है। ऐसे में काफी विद्यार्थी ऐसे भी होते हैं, जिन्होंने पास बनवाना ही नहीं और रसीद के साथ यात्रा कर रहे हैं। स्कूल व कालेज में पढ़ने वाले लड़कों को पास बनवाने के लिए एक माह में दस टिकट का किराया देना होता है। वहीं लड़कियों का पास निश्शुल्क ही बनाया जाता है। इसके बाद भी पास बनवाने वालों की संख्या काफी कम है। इसलिए रोडवेज विभाग को भी घाटा हो रहा है। जिसको देखते हुए रोडवेज ने भी सख्ती बरतने का निर्णय लिया है। - स्टेशन सुपरवाइजर प्रमोद ने बताया कि बसों में यात्रा करने वाले अधिकतर विद्यार्थी चेकिग के दौरान केवल कालेज या स्कूल द्वारा जारी रसीद ही दिखाते हैं, जो मान्य नहीं होती। केवल रोडवेज विभाग द्वारा जारी पास ही मान्य होता है। केवल रसीद के जरिए यात्रा करने वाले विद्यार्थियों के साथ स्कूल व कालेज को भी सख्त निर्देश दिए हैं कि वे जल्द से जल्द पास बनवाएं। नहीं तो रोडवेज विभाग अपने स्तर पर कार्रवाई करेगा। ऐसा नहीं होने से विभाग को नुकसान हो रहा है।

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