किसान आंदोलन में युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले में एसआइटी के पास पहुंचा सिर्फ एक नेता, दो को फिर बुलाया
कृषि सुधार कानून विरोधी आंदोलन में बंगाल से शामिल आई 25 वर्षीय युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले में बहादुरगढ़ पुलिस की एसआइटी के सामने पूछताछ के लिए गुरूवार को एक ही किसान नेता उपस्थित हुआ। नोटिस तीन को दिए गए थे।
जागरण संवाददाता, दिल्ली/बहादुरगढ़ (झज्जर)। कृषि सुधार कानून विरोधी आंदोलन में बंगाल से शामिल आई 25 वर्षीय युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले में बहादुरगढ़ पुलिस की एसआइटी के सामने पूछताछ के लिए गुरूवार को एक ही किसान नेता उपस्थित हुआ। नोटिस तीन को दिए गए थे। बाकी दो लोग किसी कारण से नहीं पहुंच पाए, उनमें एक किसान नेता और दूसरा डाक्टर है। अब इन दोनों को आज(शुक्रवार) को फिर बुलाया गया है।
एक अन्य किसान नेता को भी नोटिस दिया गया है। इस मामले में पुलिस लगातार आंदोलनकारी नेताओं से पूछताछ कर रही है। गुरूवार को पूछताछ के लिए किसान संगठन के नेता जोगेंद्र नैन, दिल्ली से डा. अमित वत्स और हरियाणा के कैथल से जियालाल को नोटिस दिया गया था। इनमें से जियालाल ही पूछताछ के लिए पहुंचा। बाकी दो ने एसआइटी को न आ पाने का कारण बताया।
पुलिस ने बताया कि जो किसान नेता जियालाल पूछताछ के लिए आया, वह बंगाल की युवती को बीमार होने के बाद डाक्टर के पास लेकर गया था। उससे पूछताछ की गई। पुलिस अभी तक इस मामले में दो आरोपितों समेत 17 लोगों से पूछताछ कर चुकी है। इस घटना में किसान सोशल आर्मी के चार नेताओं के अलावा दो महिला वालंटियर्स के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया था।
खास बात यह है कि इनमें से दो को तो सभी आरोपित मान रहे हैं। इनमें अनिल मलिक और अनूप चानौत शामिल हैं। शेष दो आरोपितों अंकुर सांगवान और जगदीश बराड़ का जिक्र कोई नहीं कर रहा है। एसआइटी में शामिल शहर थाना प्रभारी विजय कुमार ने बताया कि शुक्रवार को तीन लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। इस मामले में जिन लोगों का भी पीडि़ता से संपर्क हुआ या फिर उसके साथ हुई घटना की उन्हें जानकारी थी, उन सभी से पूछताछ जरूरी है।