सरकार ने मांग पूरी नहीं की तो तेज होगा आंदोलन, सरकार को पड़ेगा झुकना : हरपाल सिंह
चौ. छोटूराम धर्मशाला में किसान आंदोलन को मजबूत करने व किसानों की संख्या बढ़ाने को लेकर भारतीय किसान यूनियन (चढुनी) की बैठक हुई।
जागरण संवाददाता,झज्जर : चौ. छोटूराम धर्मशाला में किसान आंदोलन को मजबूत करने व किसानों की संख्या बढ़ाने को लेकर भारतीय किसान यूनियन (चढुनी) की बैठक हुई। इसमें जिलेभर के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों ने भी भाग लिया। बैठक में भाकियू (चढुनी) के राज्य सचिव हरपाल सिंह मुख्यातिथि रहे। बैठक में पहुंचे विभिन्न खापों व संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी आंदोलन को मजबूत करने पर मंथन करते हुए सुझाव दिए।
भारतीय किसान यूनियन (चढुनी) राज्य सचिव हरपाल सिंह ने कहा कि नौ माह आंदोलन को हो चुके हैं, लेकिन सरकार अपनी आंखें बंद करके बैठी है। सरकार जगाने के लिए हर जिले में बैठक की जा रही है। इसके तहत रविवार को झज्जर जिले में बैठक का आयोजन किया गया। इस दौरान आंदोलन को तेज करने के साथ-साथ आंदोलन में किसानों की संख्या बढ़ाने पर भी मंथन किया गया। अब खेतों में काम भी खत्म हो गया है, किसान अब आंदोलन की तरफ रुख करेंगे। सरकार किसानों की अनदेखी कर रही है। आगामी एक-दो माह में आंदोलन बहुत तेज हो जाएगा। इसके लिए प्रयास जारी हैं। सरकार को झुकाकर अपनी मांगों को मनवाकर रहेंगे। किसान तीनों कृषि कानूनों की वापसी करवाने व एमएसपी की गारंटी कानून को लेकर दिल्ली बार्डर पर बैठे हुए हैं। सरकार को चेताते हुए कहा कि अभी भी समय है, सरकार जल्दी मांगों को पूरा करे। अगर मांगे पूरी नहीं होती है तो आंदोलन तेज होगा और आंदोलन को लेकर बड़ा निर्णय लिया जाएगा।
राज्य सचिव हरपाल सिंह ने कहा कि सरकार को किसानों व आम जनता की कोई परवाह नहीं हैं। केवल पूंजीपतियों की परवाह करते हुए सरकार काम कर रही है। सरकार पूरे देश को पूंजीपतियों के हाथों में देना चाहती है, जिसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। किसान अन्न पैदा करके देश को खिला रहे हैं, इसलिए सरकार को भी किसानों के अन्न व जमीन को बेचने का कोई अधिकार नहीं हैं। किसान अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं। अभी तो केवल नौ माह ही पूरे हुए है, चाहे उन्हें कितना लंबा आंदोलन चलाना पड़े, वे पीछे नहीं हटेंगे। गुरनाम सिंह चढुनी को भाकियू के पद से हटाने पर बोलते हुए कहा कि गुरनाम सिंह चढुनी एक नई सोच लेकर आए हैं। पहले किसानों ने चुनाव में पश्चिम बंगाल में सरकार को हराया। अब दूसरे प्रदेशों में भी हराने की तैयारी थी। इस सरकार को सत्ता से हटाया जाता है तो दूसरी सरकार आएगी, वह भी ऐसी ही होगी। इसलिए गुरनाम सिंह चढुनी सत्ता परिवर्तन नहीं सोच परिवर्तन की जरूरत है। गुरनाम सिंह चढुनी कोई पार्टी नहीं बना रहे।
भारतीय किसान यूनियन (चढुनी) महिला प्रदेश उपाध्यक्ष बिदू चौहान ने कहा कि हर आंदोलन में महिलाओं की अहम भूमिका रहती है। आंदोलन को महिलाओं के नाम पर बदनाम करने का प्रयास किया गया। धरने पर बैठी महिलाओं को यह पता है कि धरने पर उनके चाचा-ताऊ व भाई बैठे हैं। उनके साथ कोई बदतमीजी नहीं करेगा। धरने पर महिलाएं पूरी तरह से सुरक्षित हैं। बिदू चौहान ने कहा कि वे खुद भी पिछले नौ माह से धरने पर बैठी, लेकिन उनके साथ कोई बदतमीजी नहीं हुई। संयुक्त किसान मोर्चा ने अनुशासन कमेटी बनाई है। यदि किसी को बदतमीजी का सामना करना पड़े तो वहां शिकायत कर सकती हैं। लेकिन वहां पर किसी महिला ने भी शिकायत नहीं की है। रविवार को रक्षा बंधन का त्योहार भी आंदोलन पर ही मनाया गया। हर त्योहार धरने पर ही मनाया गया है। बैठक में भाकियू के प्रधान चिटू छारा, उमराव बेरी, चरण सिंह, शमशेर, रूप सिंह, धर्मेंद्र गुलिया, बबला, प्रविद्र, ओमप्रकाश चाहार, राजू गोच्छी, सुनील कुमार लडायन, ब्रह्मानंद, अहलावत खाप के सचिव राम कुमार, मोनू, मनीष आदि उपस्थित रहे।