लटक रहे बिजली के तार, चलना संभल संभलकर : अभियान : करंट के साए में पुराने शहर की आधी से ज्यादा आबादी

- बरसात के मौसम में अक्सर बढ़ जाता है रिस्क - प्रभावित क्षेत्र से जुड़े लोग करते रहे शिकायत नहीं हो पाया समाधान

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 07:50 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 07:50 PM (IST)
लटक रहे बिजली के तार, चलना संभल संभलकर : अभियान : करंट के साए में पुराने शहर की आधी से ज्यादा आबादी
लटक रहे बिजली के तार, चलना संभल संभलकर : अभियान : करंट के साए में पुराने शहर की आधी से ज्यादा आबादी

जागरण संवाददाता, झज्जर : करीब तीन किलोमीटर के दायरे में फैले जिला मुख्यालय से जुड़ी अगर समस्याओं को ऊंगलियों पर गिना जाए तो हर गली के साथ नई समस्या अपने समाधान का इंतजार कर रही हैं। 19 वार्डों के इस शहर में लटकती हुई बिजली की तारों का जाल एक ऐसी प्रमुख दिक्कत है जो कि विशेष तौर पर पुराने शहर की आधी से अधिक आबादी को प्रभावित कर रही हैं। खास तौर पर रिहायशी इलाके की गलियों में बिजली की तारों का जाल न केवल लोगों को डरा रहा है, बल्कि बड़े हादसे को भी बुलाता हुआ दिख रहा है। कहीं बिजली की तारों पर झुके हुए पोल, कहीं एक दूसरे को छू रही बिजली की तारें और कहीं सड़क से बहुत कम ऊंचाई पर लटकती बिजली की हाई वोल्टेज तारें। कुल मिलाकर, देर-सवेर यहां बड़ा हादसा करा सकती हैं। सड़क किनारे स्थापित बिजली के खंभों के ऊपर से जाता बिजली की तारों का जाल ऐसे सभी क्षेत्रों के लिए बहुत बड़ा खतरा है। जब क्षेत्र का मुआयना किया, तो हालात डरावने नजर आए। बॉक्स : स्थानीय लोगों का कहना है कि जब बारिश होती है और तेज तूफान आता है तब बहुत डर लगता है।तारों में अक्सर होने वाली स्पार्किंग हर स्तर पर परेशान करती है। समस्या के समाधान के लिए कई दफा विभागीय अधिकारियों को लिखित शिकायत भी गई। लेकिन, समाधान के नाम पर सिर्फ आश्वासन ही मिल पाया। शहर के प्रभावित क्षेत्र : - शहीद रविद्र छिक्कारा चौक - श्रीराम पार्क के पास का क्षेत्र - भगत सिंह चौक के पास का क्षेत्र - आर्य नगर के क्षेत्र में - यादव धर्मशाला चौक के पास - बीकानेर चौक के नजदीक - बेरी गेट से शहर में जाने वाली गली में - श्रीदुर्गा माता मंदिर के पास - बेरी गेट एरिया में रमेश गैस एजेंसी के पास - हरिपुरा मौहल्ला

- चौधरियान मौहल्ला

- टिबरी मौहल्ला

- दीवान गेट - दिल्ली गेट - लाल खानिया मौहल्ला

- चौपटा बाजार आदि बॉक्स : पहले शहर में एल्यूमीनियम के तार डाले गए थे। एल्यूमीनियम की तारों के कारण खतरा अधिक रहता था। जिनको बदलकर अब काफी हिस्सों में थ्री फेस की तार डाल दी गई है। लेकिन शहर की तंग गलियों में बिजली के पोल का अभाव भी साफ दिखाई देता है। जिस कारण इन तारों को मकानों की दीवारों के सहारे ही लेकर जाया जा रहा है। गली के बीच से गुजरती तारों को सहारा नहीं मिलने के कारण ये नीचे लटक रही है। बरसात के मौसम में जहां पर तारों का जंजाल है और जोड़ लगे हुए हैं, वहां शार्ट सर्किट का खतरा बना रहता है। यहां तक कि दीवार में करंट आने की भी आशंका से रहती हैं। शहर के पोल पर ना केवल बिजली की तारों का बोझ होता है, बल्कि केबल व अन्य तारों का भी बोझ उठाना पड़ रहा है। जिस कारण जगह-जगह पोल पर तारों का जंजाल देखने को मिलता है। पिछले दिनों सीएम फ्लाइंग की टीम ने भी स्थानीय कर्मचारियों के साथ मिलकर बिजली के पोल पर डाली गई केबल की तारों को हटाने के लिए अभियान चलाया था। लेकिन, शहर के सभी बिजली पोल से अभी भी बिजली निगम की तारों के अतिरिक्त अन्य केबल आदि की तारें नहीं हटाई गई हैं।

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