बिजली निगमों के निजीकरण पर रोक व बिजली संशोधन बिल वापसी के लिए की गेट मीटिग

- बिजली निगम के कर्मचारियों ने मांगों को लेकर की गेट मीटिग की नारेबाजी

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 06:10 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 06:10 PM (IST)
बिजली निगमों के निजीकरण पर रोक व बिजली संशोधन बिल वापसी के लिए की गेट मीटिग
बिजली निगमों के निजीकरण पर रोक व बिजली संशोधन बिल वापसी के लिए की गेट मीटिग

जागरण संवाददाता, झज्जर :

शुक्रवार को झज्जर डिवीजन में आल हरियाणा पावर कार्पोरेशन वर्कर यूनियन की यूनिट स्तर पर विरोध गेट मीटिग हुई। जिसकी अध्यक्षता यूनिट प्रधान रामदर्शन व मंच संचालन यूनिट सेक्रेटरी सुनील कुमार का रहा। मुख्य वक्ता सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान व एचएसपीसी यूनियन के राज्य सचिव रामबीर व एसकेएस जिला सचिव विष्णु दत्त, सर्कल सचिव देवेंद्र पूनिया, चारों सब युनिट के प्रधान, सेक्रेटरी, कैशियर और अन्य कर्मचारी मौजूद रहे। इस दौरान मांग रखी कि बिजली निगमों के निजीकरण पर पूर्णतया: रोक लगाई जाए, बिजली संशोधन बिल 2021 को रद किया जाए, ठेके पर लगे कच्चे कर्मचारियों को सीधे रोल पर निगम में भर्ती किया जाए।

यूनिट प्रधान रामदर्शन ने कहा कि ईएसआइ की सेवा को वेतन की सीमा से ना जोड़ा जाए और 21000 रुपये वेतन हो जाने के बाद भी ईएसआइ की सुविधा दी जाए, एनपीएस को समाप्त करके पुरानी पेंशन नीति बहाल की जाए, एक्सग्रेसिया नौकरी मिलने के लिए नौकरी के पहले व अंतिम पांच वर्ष की शर्त को हटाया जाए तथा एक्सग्रेसिया का लाभ एक कैटेगरी नीचे की बजाए एक स्टेप डाउन स्केल किया जाए। बिजली दुर्घटना हो जाने पर कर्मचारियों पर की जाने वाली कार्यवाही बंद की जाए, विशेषकर कच्चे कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया जाता है। ऐसे मामलों में नौकरी से ना हटाया जाए व निष्पक्ष जांच करवाकर ही कार्रवाई की जाए। समान काम समान वेतन दिया जाए, बिजली निगमों में खाली पड़े पदों पर नियमित भर्तियां की जाएं, 24 घंटे व सस्ती बिजली दी जाए, कच्चे कर्मचारियों की नौकरी की सुरक्षा गारंटी दी जाए, केंद्र शासित राज्यों के बिजली निजीकरण के अध्यादेश को वापिस लिया जाए। उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द उनकी मांगों को पूरा किया जाए, नहीं तो वे कड़े कदम उठाने को मजबूर होंगे।

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