मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए 462 जलस्त्रोत में छोड़ी गंबूजिया मछली

- अब तक जिले में मिले दो मलेरिया के मरीज बांटी जा रही मछरदानी - 650 लोगों को वितरित की मछरदानियां किए जा रहे सुरक्षा के उपाय

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 06:40 PM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 06:40 PM (IST)
मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए 462 जलस्त्रोत में छोड़ी गंबूजिया मछली
मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए 462 जलस्त्रोत में छोड़ी गंबूजिया मछली

जागरण संवाददाता,झज्जर :

खड़े पानी में मच्छरों का लारवा नहीं पनपें। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग गंबूजिया मछली को जलस्त्रोत में डाल रहा है। ताकि गंबूजिया मछली पानी में पनपने वाले मच्छर के लारवा को खाकर नष्ट कर दें। इसी उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग द्वारा अभी तक 462 जल स्त्रोतों में गंबूजिया मछली छोड़ी गई है। साथ ही लोगों को भी अपने आसपास पानी खड़ा न होने देने की सलाह दी जा रही है। अगर पानी खड़ा रहता है तो उसमें कोई तेज या काला तेल डाला जा सकता है, जिससे मच्छर का लारवा उस पानी में न खड़ा हो। गंबूजिया मछली खड़े पानी में पैदा होने वाले मच्छर के लारवा को खा लेती है। अगर लारवा ही नहीं बचेगा तो मच्छर भी पैदा नहीं होंगे। बॉक्स :

जिले में अभी तक दो मलेरिया के मरीज मिले है। साथ ही मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए विभाग की विभिन्न टीमें एंटी लारवा एक्टिविटी चला रही हैं। जिसके तहत डोर-टू-डोर अभियान चलाकर जलस्त्रोत में मच्छर के लारवा को तलाशती हैं। इस एंटी लारवा एक्टिविटी के दौरान जहां लारवा पाया जाता है उसे नष्ट करते हुए नोटिस भी थमाए जाते हैं। अब तक हुई एंटी लारवा एक्टिविटी में पाया गया है कि सबसे अधिक लारवा कूलरों में व होदी में पाए गए है। जांच के दौरान करीब 21 फीसद से अधिक होदी में लारवा पाया गया और 15 फीसद से अधिक कूलरों में लारवा मिला है। इसलिए लोगों को भी सावधानी बरतने की जरूरत है। लोगों को मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के उद्देश्य से जागरूक किया जा रहा है। बरसात के दिनों में जगह-जगह जलजमाव की स्थिति पैदा हो गई है। ऐसे में मच्छर पनपने व मच्छर जनित बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। अभी तक दो मलेरिया के मरीज मिले

जिले की बात करें तो पिछले वर्षों के मुकाबले डेंगू व मलेरिया के मरीजों की संख्या के मामले में स्थिति अभी तक ठीक है। पिछले वर्षों के मुकाबले काफी कम मरीज मिले हैं। हालांकि अक्टूबर व नवंबर माह को डेंगू व मलेरिया फैलने के लिए अहम माना जाता है। इसलिए अक्टूबर व नवंबर माह में अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। अब तक जिले में केवल दो मलेरिया के मरीज मिले हैं। डेंगू व चिकनगुनिया का एक भी मरीज नहीं मिला है।

650 लोगों को वितरित की मच्छरदानियां

स्वास्थ्य विभाग मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ मच्छरदानी वितरित करता है। अब तक जिले में कुल 650 लोगों को मच्छरदानी वितरित की गई है। जिनका इस्तेमाल लोग अपने घरों के बाहर मुख्य द्वार भी पर कर सकते हैं। जिससे कि मच्छर घरों के अंदर प्रवेश ना करें और लोग मच्छर के काटने से बचे रहें। जहां कहीं मलेरिया का मरीज मिलता है उसके पास पास व जहां अधिक मच्छर होते हैं, वहां पर लोगों को मच्छर दानी वितरित की जा रही हैं। - जिले के 462 जल स्त्रोत में गंबूजिया मछली छोड़ी गई है। गंबूजिया मछली मच्छर के लारवा को खा लेती है। जिससे कि उस पानी में मच्छर का लारवा पैदा नहीं हो। साथ ही लोगों को मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए जागरूक किया जा रहा है। लोगों को भी इसमें सहयोग करते हुए अपने आसपास पानी को लंबे समय तक एकत्रित ना होने दें।

डा. सरिता, डिप्टी सीएमओ एवं नोडल अधिकारी, झज्जर।

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