शेड्यूलिग से खरीद शुरू करने के बाद उठान पर फोकस

- उठान नहीं पकड़ पा रहा तेजी आवक कम होने से भी बदले समीकरण

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 06:30 AM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 06:30 AM (IST)
शेड्यूलिग से खरीद शुरू करने के बाद उठान पर फोकस
शेड्यूलिग से खरीद शुरू करने के बाद उठान पर फोकस

- उठान नहीं पकड़ पा रहा तेजी, आवक कम होने से भी बदले समीकरण

- धीमा उठान होने से भी भुगतान में भी हो रही देरी फोटो : 21 जेएचआर 17, 18 जागरण संवाददाता,झज्जर :

गेहूं के बंपर आवक के चलते अनाज मंडियां भरी हुई हैं। उठान कम होने की स्थिति में गेहूं के ऊंचे-ऊंचे ढेर लगे हैं। उठान की समस्या को देखते हुए सरकार ने शेड्यूल के अनुसार खरीदना आरंभ कर दिया। शेड्यूल के अनुसार चुनिदा किसानों को ही मंडियों में बुलाया जा रहा है। प्रशासन ने गेहूं खरीद के लिए जिले में दस मंडियां बनाई हुई हैं। इनमें से सबसे अधिक यहां पर हर रोज शेड्यूल में करीब सौ से कम किसानों को शामिल किया जाता है। जिनके पास चंडीगढ़ मुख्यालय द्वारा मैसेज भेजकर सूचित किया जा रहा है। ऐसे में जिनका गेहूं तैयार है, वे मंडी में पहुंचकर गेटपास कटवा रहे हैं और अनाज बेच रहे हैं। साथ ही उठान पर फोकस किया जा रहा है। लेकिन उठान प्रक्रिया तेज गति नहीं पकड़ पा रही। स्थिति यह है कि अभी भी अनाज मंडी भरी हुई है। बता दें कि उठान धीमा होने के कारण किसानों को भुगतान भी नहीं हो पा रहा है। क्योंकि खरीद एजेंसी उठान के बाद ही भुगतान करती हैं। जब गेहूं खरीद एजेंसी के गोदाम में पहुंच जाएगा, तभी भुगतान किया जाएगा। इसलिए उठान नहीं होने तक किसानों को गेहूं के पैसे भी नहीं मिल पा रहे। ऐसे में किसानों को भी भुगतान के अभाव में दिक्कत हो रही है। उठान धीमा होने के साथ-साथ भुगतान प्रक्रिया भी धीमी ही चल रही है। हालांकि आढ़ती इस समस्या को देखते हुए यह मांग भी कर रहे हैं कि खरीद एजेंसी किसान का अनाज मंडी में पहुंचने व खरीद होने के बाद भुगतान करें। ताकि किसानों को भुगतान के लिए लंबे समय तक इंतजार ना करना पड़े। इधर, लगातार बदलता मौसम भी परेशानी बढ़ रहा है। आसमान में बादल छाए रहने से आढ़तियों को खुले में पड़े गेहूं को सुरक्षित रखने की चुनौती रहती है। - अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के पूर्व प्रधान चांद सिंह ने कहा कि उठान काफी धीमा है, खासकर खरीद एजेंसी हरियाणा वेयर हाउस का। उठान धीमा होने के किसानों को भुगतान भी नहीं हो रहा। किसान भुगतान नहीं होने की समस्या लेकर आते हैं, लेकिन उनकी इस समस्या का कोई समाधान नहीं हैं। उन्होंने मांग की कि प्रशासन उठान तेज करने की व्यवस्था बनाए, ताकि किसानों को जल्दी भुगतान हो और बदलते मौसम में गेहूं खराब होने का डर भी ना रहे।

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