पहले बेटे को बाद में मां को गोवंशों ने बनाया निशाना, आज भी झेल रहे परेशानी
करीब तीन साल पहले खुद गोवंशों की चपेट में आए और दस माह पूर्व मां भी गोवंशों की टक्कर से घायल हो गई। जिसका दर्द आज भी मां-बेटा झेल रहे हैं।
जागरण संवाददाता,झज्जर :
करीब तीन साल पहले खुद गोवंशों की चपेट में आए और दस माह पूर्व मां भी गोवंशों की टक्कर से घायल हो गई। जिसका दर्द आज भी मां-बेटा झेल रहे हैं। यहीं नहीं शहर में घूम रहे बेसहारा गोवंशों के कारण कई लोग घायल हो चुके हैं। माता गेट निवासी सतीश ने बताया कि तीन साल पहले वह अपने मोटरसाइकिल पर जा रहा था। इसी दौरान गली में दो गोवंश आपस में लड़ाई कर रहे थे। दोनों गोवंशों का लड़ता हुआ देख वह सड़क के एक किनारे खड़ा हो गया। इसी दौरान झगड़ा करते हुए गोवंशों ने सतीश को भी अपनी चपेट में ले लिया। सतीश ने बताया कि गोवंश की टक्कर लगने से वह सड़क किनारे खड़े खंभे से जा टकराया। जिस कारण उसे गंभीर चोटें आई। गनीमत रही कि उसका सिर खंभे से नहीं लगा, नहीं तो बढ़ा हादसा हो सकता था। इसमें घायल होने के कारण उसका लंबा इलाज चला और आपरेशन भी हुआ। आज भी राड डली हुई है। सतीश ने कहा कि लगभग दस माह पूर्व उसकी करीब 80 वर्षीय मां सोना देवी अपने प्लाट में जा रही थी। इसी दौरान रास्ते में मौजूद गोवंश ने सोना देवी को टक्कर मार दी। टक्कर लगने के कारण उसकी मां के कुल्हे में गंभीर चोटें आई। जिसे शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां पर करीब 60-70 हजार रुपये की लागत से आपरेशन हुआ। आपरेशन के बाद उठने लायक तो हो गई, लेकिन उस चोट का असर अभी भी है।
गोवंशों की टक्कर का यह कोई पहला मामला नहीं है। करीब एक माह पहले सिलानी गेट क्षेत्र में भी ऐसी ही घटना देखने को मिला। जहां गोवंशों की चपेट में आने से दो लोग घायल हो गए। घायल उयदपाल का कहना था कि वह रात को करीब नौ बजे काम से घर लौट रहा था। इसी दौरान सिलानी गेट क्षेत्र से अपनी बाइक को सड़क के एक तरफ खड़ी करके सामान खरीद रहा था। इसी दौरान वहां घूम रहे गोवंशों में लड़ाई हो गई। बाइक को बचाने के लिए दौड़ा तो गोवंशों ने उसे टक्कर मार दी। उसके बचाने आए एक राहगीर मटरू को भी चोटें आई और मोटरसाइकिल भी क्षतिगस्त हो गई। इसके अलावा बाजार की दुकानों में भी तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आई हैं। सुबह के समय गोवंश दुकान के शटर के नीचे से दुकान में घुसने का प्रयास करने लगा। दुकानदार गुलशन ने गोवंश को भगाने का प्रयास किया, लेकिन जब तक गोवंश को भगाया गया, तब तक दुकान में भी नुकसान हो चुका था। इसके अलावा सब्जी मंडी की बात करें तो वहां पर गोवंशों का घूमना व लड़ाई करना आम बात है। कई बार हादसे भी हो चुके हैं। सब्जियों में नुकसान भी करते रहते हैं।