डीएपी का किसानों को इंतजार, शनिवार तक एक हजार एमटी झज्जर पहुंचने की उम्मीद

जिले में डीएपी खाद खत्म होने के चलते किसानों को परेशानी उठानी पड़ रही है। काफी किसानों को अभी भी डीएपी खाद नहीं मिल पाई है। उन्हें सरसों आदि रबी की फसलें बिजाई करने के लिए डीएपी खाद का इंतजार है। किसान खरीद केंद्रों पर पहुंचकर डीएपी खाद के बारे में पूछते हैं जब उन्हें डीएपी खत्म होने का समाचार मिलता है तो मायूस होकर घर लौटना पड़ रहा है। ऐसे में किसानों को डीएपी के अभाव में लेट होती रबी फसलों की बिजाई भी चितित कर रही है। किसानों का कहना है कि डीएपी नहीं मिलने के कारण वे सरसों की बिजाई नहीं कर पा रहे। अगर देरी से सरसों की बिजाई करते हैं तो इसका पैदावार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। अधिकारियों के अनुसार शनिवार को करीब एक हजार मीट्रिक टन खाद पहुंच जाएगी। जिसके बाद किसानों को दिक्कत नहीं होगी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 06:05 AM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 06:05 AM (IST)
डीएपी का किसानों को इंतजार, शनिवार तक एक हजार एमटी झज्जर पहुंचने की उम्मीद
डीएपी का किसानों को इंतजार, शनिवार तक एक हजार एमटी झज्जर पहुंचने की उम्मीद

जागरण संवाददाता, झज्जर : जिले में डीएपी खाद खत्म होने के चलते किसानों को परेशानी उठानी पड़ रही है। काफी किसानों को अभी भी डीएपी खाद नहीं मिल पाई है। उन्हें सरसों आदि रबी की फसलें बिजाई करने के लिए डीएपी खाद का इंतजार है। किसान खरीद केंद्रों पर पहुंचकर डीएपी खाद के बारे में पूछते हैं, जब उन्हें डीएपी खत्म होने का समाचार मिलता है तो मायूस होकर घर लौटना पड़ रहा है। ऐसे में किसानों को डीएपी के अभाव में लेट होती रबी फसलों की बिजाई भी चितित कर रही है। किसानों का कहना है कि डीएपी नहीं मिलने के कारण वे सरसों की बिजाई नहीं कर पा रहे। अगर देरी से सरसों की बिजाई करते हैं तो इसका पैदावार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। अधिकारियों के अनुसार शनिवार को करीब एक हजार मीट्रिक टन खाद पहुंच जाएगी। जिसके बाद किसानों को दिक्कत नहीं होगी। प्रशासन द्वारा डीएपी के अभाव में किसानों को एनपीके (नाइट्रोजन-फासफोर्स-पोटास) व एसएसपी (सिगल सुपर फास्फेट) का प्रयोग करने की सलाह दी जा रही थी। किसानों ने डीएपी के स्थान पर एनपीके व एसएसपी का इस्तेमाल शुरू किया तो इन खाद की भी कमी पड़ने लगी। झज्जर के खरीद केंद्र पर एनपीके खाद भी खत्म होने के कारण अब किसानों को खाद के लिए भटकना पड़ रहा है। ऐसे में किसानों के सामने रबी फसलों की बिजाई की समस्या पैदा हो गई है। जिले की बात करें तो पिछली बार 30 हजार हेक्टेयर से अधिक एरिया में सरसों की बिजाई की थी। लेकिन इस बार सरसों की बिजाई का एरिया बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि गेहूं बिजाई में अधिक खाद की आवश्यकता होती है। पिछले वर्ष गेहूं की बिजाई एक लाख हेक्टेयर से अधिक एरिया में की गई थी। पिछले वर्ष के अनुसार इस बार जिले में 13 हजार मीट्रिक टन डीएपी की मांग आंकी गई थी। इसी अनुसार अधिकारियों ने 13 हजार मीट्रिक टन डीएपी खाद उपलब्ध करवाने की डिमांड भी भेजी गई थी। लेकिन अभी तक केवल 1700 मीट्रिक टन डीएपी खाद ही झज्जर को मिल पाई है। जिस कारण सभी किसानों को उनकी इच्छा व आवश्यकता अनुसार डीएपी खाद नहीं मिल पाई। इसलिए किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

-जिला गुणवत्ता नियंत्रण अधिकारी जसबीर सिंह ने बताया कि शनिवार तक एक हजार मीट्रिक टन डीएपी खाद झज्जर पहुंचने की उम्मीद है। डीएपी खाद झज्जर पहुंचने के बाद किसानों को आसानी से उपलब्ध होगी। किसानों की आवश्यकता के अनुसार डिमांड भेजी गई है।

chat bot
आपका साथी