समय रहते हुए खेत तैयार करें किसान, सही तरीके से करें बिजाई

जिन किसानों के खेत खाली है वे जल्दी से जल्दी खेत को अछे से तैयार करके बिजाई कर सकते हैं। क्योंकि कपा

By JagranEdited By: Publish:Tue, 04 May 2021 06:47 AM (IST) Updated:Tue, 04 May 2021 06:47 AM (IST)
समय रहते हुए खेत तैयार करें किसान, सही तरीके से करें बिजाई
समय रहते हुए खेत तैयार करें किसान, सही तरीके से करें बिजाई

जागरण संवाददाता, झज्जर : जिन किसानों के खेत खाली है, वे जल्दी से जल्दी खेत को अच्छे से तैयार करके बिजाई कर सकते हैं। क्योंकि, कपास की बिजाई का सीजन चल रहा है। जिसके लिए 15 अप्रैल से लेकर 15 मई तक का समय बेहतर है। विशेषज्ञों के मुताबिक बीटी कपास की बिजाई के लिए सबसे उपयुक्त है। साथ ही किसानों को ध्यान रखना चाहिए कि कपास की बिजाई पूर्व से पश्चिम की दिशा में की जाए। साथ ही कतार से कतार व पौधे से पौधे की दूरी 100 गुना 45 सेंटीमीटर या 67.5 गुना 60 सेंटीमीटर रखें। अगर पिछले वर्ष की बात करें तो कपास की फसल में बीमारी एवं अन्य समस्याओं का प्रकोप देखने को मिला। जिसे ध्यान में रखते हुए इस वर्ष हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कुलपति प्रो. बलदेव राज कंबोज ने भी किसानों के नाम संदेश जारी किया है। जिसमें उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष बीमारियों से नष्ट हुई फसलों की जांच पड़ताल करने से पता चला कि जिन किसानों ने विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा बताई सिफारिशों के अनुसार फसल की बिजाई की थी। उनकी फसल में बीमारियों का असर अन्य फसलों की तुलना में काफी कम रहा है। इसलिए, किसान विश्वविद्यालय द्वारा बताई गई सिफारिशों के अनुसार ही कपास की बिजाई करें। ताकि उत्पादन अधिक से अधिक हो।

कपास की खेती के लिए मुख्य सुझाव

-पूर्व से पश्चिम की दिशा में कपास की बिजाई लाभकारी होगी है।

-बीटी कपास बिजाई के समय एक एकड़ में एक बैग यूरिया, एक बैग डीएपी, 30-40 किलो पोटाश व 10 किलो जिक सल्फेट (21 फीसद) खेत की तैयारी के समय डालें।

-बीटी कपास की दो पैकेट प्रति एकड़ के हिसाब से बिजाई करें। कतार से कतार की व पौधे से पौधे की दूरी 100 गुना 45 सेंटीमीटर या 67.5 गुना 60 सेंटीमीटर रखें।

-किसान बीटी कपास की बिजाई 15 मई तक आवश्य पूरा कर लें।

-बीटी कपास में जहां खुला पानी लगता है (सिचाई होती है) वहां पहला पानी बिजाई के 45-50 दिन या इसके बाद ही लगाएं। रेतीले इलाके में जहां फव्वारा विधि से पानी लगता है वहां भी कपास उगने के चार-पांच दिन बाद ही पानी लगाएं।

-पिछले साल जिन खेतों में या गांव में गुलाबी सुंडी की समस्या थी उन खेतों की लकड़ियां, टिडे व पत्तों को झाड़कर नष्ट कर दें।

- कपास की शुरुआती अवस्था में ज्यादा जहरीले कीटनाशकों का प्रयोग ना करें। ऐसा करने से मित्र कीटों की संख्या भी कम हो जाती है। - किसान समय रहते अपने खेतों को अच्छे से तैयार कर लें। वैज्ञानिकों की सलाह से ही कपास का बीज खरीदें और सही तरीके से समय पर बिजाई करें। जिससे कि पैदावार हो और किसानों को लाभ हो।

कॉर्डिनेटर उमेश शर्मा, कृषि विज्ञान केंद्र, झज्जर।

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