किसान फसल अवशेष जलाने की अपेक्षा करें सदुपयोग : डा.इंद्र सिंह

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग झज्जर के उप निदेशक डा. इंद्र सिंह न

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 07:52 PM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 07:52 PM (IST)
किसान फसल अवशेष जलाने की अपेक्षा करें सदुपयोग : डा.इंद्र सिंह
किसान फसल अवशेष जलाने की अपेक्षा करें सदुपयोग : डा.इंद्र सिंह

जागरण संवाददाता, झज्जर : कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, झज्जर के उप निदेशक डा. इंद्र सिंह ने जिला झज्जर के सभी किसानों को फसल अवशेष नहीं जलाने के लिए प्रेरित किया है। डा. इंद्र सिंह ने कहा कि जिलाधीश जितेंद्र कुमार के आदेशानुसार फसल कटाई उपरांत अवशेषों को जलाना प्रतिबंधित किया गया है और भारतीय दंड संहिता नियमावली 1973 की धारा 144 लगाते हुए फसल अवशेष जलाने पर पूर्ण रूप से रोक लगाई हुई है।

उन्होंने कहा कि उक्त आदेश की अवहेलना किये जाने पर यदि कोई भी दोषी पाया जाता है तो भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 सपठित वायु एवं प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1981 के तहत दण्ड का भागी होगा। उन्होंने कहा कि फसलों के अवशेष जलाने से भूमि की उर्वरा शक्ति, भौतिक संरचना, मौजूद लाभदायक सूक्ष्म जीव नष्ट होते हैं। उन्होंने बताया कि वायु मण्डल का प्रदूषित होना, किसानों की फसल व संपत्ति को नुकसान होना, फानों को जलाने से श्वास, त्वचा तथा आंखों की बीमारी हो सकती है। फाने जलाने से पेड़-पौधों के पत्ते व जड़ भी जल जाते हैं। उन्होंने बताया कि फसल अवशेष जलाने से प्रकृति की हरियाली नष्ट होती है और मित्र कीट भी नष्ट हो जाते हैं।

कृषि उपनिदेशक डा. इंद्र सिंह ने बताया कि फसल अवशेषों को जलाने की अपेक्षा मिट्टी में दबाकर भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि फसल अवशेषों को न जलाकर खेत की नमी व ऑर्गेनिक कार्बन को नष्ट होने से बचाया जा सकता है तथा अवशेष वाले खेत में पहले हल्की सिचाई करने के बाद 15 किलोग्राम यूरिया डालकर जुताई करें। जिससे जमीन की उर्वरा शक्ति को बढ़ाया जा सकता है।

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