खेत खलिहान : किसान मानसून से पहले खेत की करें गहरी जुताई

- आगामी फसलों की बढ़ेगी पैदावार किसानों को होगा लाभ

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 07:00 AM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 07:00 AM (IST)
खेत खलिहान : किसान मानसून से पहले खेत की करें गहरी जुताई
खेत खलिहान : किसान मानसून से पहले खेत की करें गहरी जुताई

- आगामी फसलों की बढ़ेगी पैदावार, किसानों को होगा लाभ फोटो : 14 जेएचआर 19 जागरण संवाददाता,झज्जर :

किसान अच्छी पैदावार व मुनाफा कमाने के लिए अपने खेतों की गहरी जुताई अभी से कर लें। मानसून आने से पहले खेतों की गहरी जुताई करना जरूरी है। ताकि मानसून की दस्तक किसानों के लिए दोहरी खुशहाली लेकर आए। एक तो मानसून की बरसात होते ही फसलों की बिजाई कर पाएंगे। वहीं गहरी जुताई किए गए खेतों में फसल अच्छी होगी और पैदावार भी बढ़ेगी। इसके लिए किसान अपनी सुविधा अनुसार कृषि उपकरणों का प्रयोग कर सकते हैं। इसका सीधा फायदा खरीफ फसलों में दिखाई देगा।

कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ संयोजक डा. उमेश शर्मा ने कहा कि किसान मानसून से पहले खेत की गहरी जुताई कर लें। खेत की गहरी जुताई करने से खेत की खरपतवार नष्ट हो जाएगी। साथ ही जमीन में मौजूद शत्रु कीट व फफूंद भी जमीन में दबे नहीं रहेंगे। बाहर आने के बाद गर्मी व सूर्य की किरणों से वे नष्ट हो जाएंगे। जिससे फसलों में बीमारियां आने की कम संभावना रहेगी। इसके साथ ही जमीन में आर्गेनिक कार्बन की मात्रा भी बनी रहेगी। जिसका असर फसलों की पैदावार पर पड़ेगा। गहरी जुताई से खेत में मौजूद फसल अवशेष भी मिट्टी में अच्छे से मिल जाएंगे। ये फसल अवशेष मिट्टी में मिलकर खाद का काम करेंगे। जब बरसात होगी तो गहरी जुताई की गई फसल पानी को अधिक सोख पाएगी। जिससे फसल बिजाई के बाद भी जमीन में पानी की कमी या सिचाई की अधिक जरूरत नहीं होगी। इसलिए मानसून से पहले ही खेतों की गहरी जुताई करना जरूरी है। इसके लिए किसान अभी से अपने खेतों की जुताई करके तैयार करने में जुट जाएं। किसानों के पास खाली पड़े खेतों की गहरी जुताई करने का यह सही समय है।

-गहरी जुताई किसानों के लिए मुनाफे का सौदा है। बरसात आने के बाद भी किसानों को अपने खेत जुताई करने की जरूरत नहीं है, सीधे ही बिजाई कर सकते हैं। अगर बरसात आने के बाद किसान जुताई करते हैं, तो खेत में मौजूद खरपतवार भी अधिक नष्ट नहीं होती। वहीं इसमें समय अधिक लगता है और पैदावार पर भी कम होती है। इसलिए किसान खेतों को अभी से गहरी जुताई करके तैयार कर लें।

डा. उमेश शर्मा, वरिष्ठ संयोजक, कृषि विज्ञान केंद्र, झज्जर।

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