एमएसपी पर भाजपा सहित सभी चाहते हैं कानून, कानून सरकार के संसाधनों पर निर्भर
- किसानों की सारी फसलें खरीदें तो चाहिए 17 लाख करोड़ - किसानों पर दर्ज हुए मामलों के वापस लेने की बात का किया समर्थन
जागरण संवाददाता, झज्जर : प्रदेश सरकार ने भी देश में किसानों पर दर्ज हुए मुकद्दमों को वापस लिए जाने की बात का समर्थन किया है। भाजपाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा है कि वे पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष है और उन सहित पार्टी भी चाहती है कि किसानों पर दर्ज सभी मामले रद्द हो। धनखड़ झज्जर के जहांआरा बाग स्टेडियम में अंत्योदय मेले के कार्यक्रम में शिरकत करने आए थे। यहां एमएसपी कानून पर भी पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि एमएसपी पर कानून सभी चाहते हैं। लेकिन, यह सब संसाधनों पर निर्भर है। एमएसपी कानून भी ठीक वैसे ही है, जैसे कोई बड़े घर में रहना चाहता है। जबकि, वैसा करने के लिए हर तरह के संसाधनों की तलाश करना जरूरी होता है। सरकार के संसाधनों को लेकर ही प्रधानमंत्री द्वारा कमेटी बनाए जाने की बात कही गई है। क्योंकि, कमेटी में तय होगा कि सरकार के पास वर्तमान समय में क्या संसाधन है और उसके अन्य स्त्रोत क्या होंगे। यदि किसानों की सारी फसल खरीदी जाए तो 17 लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था अलग से खड़ी करनी पड़ेगी। जबकि, सरकार का बजट हम सभी को पता है। संसद में कृषि कानून रद्द किए जाने संबंधी बिल लाए जाने पर विपक्ष को न बोलने देने के आरोप का पर धनखड़ ने कहा कि विपक्ष यहीं चाहता था कि कृषि कानून वापस हो और वह बात मान ली गई। अब इसमें बोलने देने या फिर नहीं देने का सवाल ही पैदा नहीं होता।
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि हमारी सरकार हमेशा किसानों के पक्ष में रही है। सभी विषयों पर सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ रही है। सभी चाहते हैं कि किसानों को उनकी फसल के अच्छे भाव मिलें। सरकार ने फसल लागत मूल्य का डेढ़ गुणा भाव देने की नीति बनाकर लागू की है। जोखिम फ्री करने की दिशा में काम किया है। हरियाणा में सरकार सबसे ज्यादा फसलों को एमएसपी पर खरीद रही है। राजस्थान और पंजाब सरकार ऐसा क्यों नहीं कर रही, यह बात सोचने की है और उन कांग्रेस सरकारों से पूछने की भी है।