ढांसा बार्डर धरने को मजबूत करने पर दिया जा रहा जोर
ढांसा बार्डर पर किसान आंदोलन के समर्थन में धरना जारी है। धरने पर पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी पहुंच रही है।
संवाद सूत्र, बादली : ढांसा बार्डर पर किसान आंदोलन के समर्थन में धरना जारी है। धरने पर पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी पहुंच रही है। बुधवार को ढांसा बार्डर धरने पर किसान नेता राकेश टिकैत पहुंचने के बाद धरने को मजबूत करने पर जोर दिया जा रहा है। किसान नेता भी धरने पर पहुंचकर किसानों में जोश भरने का काम कर रहे हैं। वीरवार को पालम 360 के प्रधान राम कुमार व पूर्व प्रधान किशनचंद भी अन्य लोगों के साथ धरना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने भी आंदोलन को मजबूत करने पर जोर दिया। गुलिया खाप तीसा के प्रधान विनोद गुलिया ने कहा कि किसान अपने हकों की लड़ाई लड़ रहे हैं। सरकार को चाहिए कि वह किसानों से बातचीत करके उनकी मांगों को पूरा करें।
वीरवार दोपहर बाद अचानक मौसम बदला और धूल भरी आंधी चली। इस दौरान ढांसा बार्डर पर धरना दे रहे किसान अपने टेंट के पोल को पकड़कर खड़े हो गए। टेंट के पोल पकड़ने का उद्देश्य था कि आंधी में टेंट सुरक्षित रहे। क्योंकि पहले भी कई बार आंधियों के कारण कई बार टेंट उखड़ चुका है। जिसे ठीक करने में भी किसानों को मशक्कत करनी पड़ी थी और समय भी लगा था। इसलिए आंधी आते ही किसान अलग-अलग पोल को पकड़कर खड़े हो गए ताकि आंधी टेंट को ना उड़ाकर ले जाए। बता दें कि बुधवार को ढांसा बार्डर पर पहुंचने किसान नेता राकेश टिकैत ने भी टेंट के पाल देखकर कहा था कि इन्हें अच्छे से कर लो, ताकि आंधी व बरसात में भी टेंट सुरक्षित रहे। आंधी के बीच धरनास्थल पर डटे किसानों ने कहा कि वे हर मौसम की मार झेलने को तैयार है। अब तो तीनों कृषि कानून वापस होने के बाद ही घर लौटेंगे।