सप्ताह भर के घटनाक्रम के बाद खुली शहर में दवाइयों की दुकानें, ग्राहकों को मिली राहत

चार अगस्त को दवाइयों के थोक विक्रेता से मांगी गई थी 20 लाख रूपये की रंगदारी

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 Aug 2020 08:20 AM (IST) Updated:Thu, 13 Aug 2020 08:20 AM (IST)
सप्ताह भर के घटनाक्रम के बाद खुली शहर में दवाइयों की दुकानें, ग्राहकों को मिली राहत
सप्ताह भर के घटनाक्रम के बाद खुली शहर में दवाइयों की दुकानें, ग्राहकों को मिली राहत

चार अगस्त को दवाइयों के थोक विक्रेता से मांगी गई थी 20 लाख रूपये की रंगदारी

- फर्जी आइडी पर सिम एक्टिवेट करने के दो आरोपितों पहले ही आ चुके जद में - इधर, पुलिस के स्तर पर अधिकारिक खुलासे का इंतजार, व्यापारियों ने बैठक कर खोली दुकानें जागरण संवाददाता, झज्जर : चार अगस्त को दवाईयों के थोक विक्रेता को लैंडलाइन पर कॉल करते हुए 20 लाख रूपये की रंगदारी मांगने के मामले में पुलिस-प्रशासन सहित ग्राहकों के लिए राहत भरा समाचार है कि दवाईयों की दुकानें बुधवार सुबह से खुल गई है। कैमिस्ट एसोसिएशन से जुड़े प्रतिनिधियों के अलावा व्यापार मंडल के अध्यक्ष राकेश अरोड़ा आदि ने पुलिस-प्रशासन के स्तर पर उठाए गए कदम और दर्ज किए मामले में चल रही जांच पर विस्तार से चर्चा की। पुलिस के स्तर पर व्यापारियों को दिए गए इनपुट से वे काफी हद तक संतुष्ट दिखें। जिसके चलते दुकानों को खोलने का फैसला लिया गया। इधर, पुलिस की ओर से अधिकारिक तौर पर घटनाक्रम का खुलासा नहीं किया गया है। हालांकि, इनपुट यह है कि तीन नए आरोपित पुलिस की जद में आ चुके हैं। जिन्होंने योजनाबद्ध तरीके से इसे अंजाम तक पहुंचाया। अब कड़ी-दर-कड़ी अधिकारिक पक्ष आना शेष है। पहले हिसार से जुड़े दो आरोपित आए पुलिस की जद में : कॉल करते हुए रंगदारी मांगने के मामले में आगे बढ़ी पुलिस की जांच में सबसे पहली कड़ी में उन आरोपितों को काबू किया गया जिन्होंने फर्जी आइडी पर सिम एक्टिवेट किए थे। जिनकी पूछताछ में पहचान हिसार के खरकड़ी गांव निवासी राजेश पुत्र रामकिशन तथा मुकेश पुत्र राजेश के रूप में हुई। प्राथमिक पूछताछ में दोनों ने मोबाइल सिम कार्ड एक्टिवेट करने के षड्यंत्र का खुलासा किया। यह बताया कि उन्होंने अपने किसी जानकार व्यक्ति की आईडी का दुरुपयोग करके फर्जी तरीके से किसी अन्य के लिए मोबाइल सिम कार्ड को एक्टिवेट किया था। एक्टिवेट किए गए सिम कार्ड का काफी समय से कोई इस्तेमाल नहीं हुआ। फिर,काफी समय बाद उपरोक्त मोबाइल सिम कार्ड नंबर का इस्तेमाल करते हुए दवा विक्रेता से बीस लाख रुपये फिरौती मांगने की वारदात को अंजाम दिया गया। एक दिन के रिमांड पर पूछताछ किए जाने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। सिम से जुड़ी डिटेल मिलने के बाद पुलिस मुख्य आरोपितों को काबू करने की दिशा में आगे बढ़ी। अल्टीमेटम देने के बाद हड़ताल पर गए थे कैमिस्ट : चार अगस्त को मिली धमकी के मामले में आरोपितों ने एक सप्ताह का समय दिया था। शुरुआती तीन दिन बीत जाने के बाद कैमिस्ट एसोसिएशन की सक्रियता देखने को मिलीं। 10 अगस्त तक का पुलिस-प्रशासन को समय दिए जाने के बाद उन्होंने शहर के कैमिस्टों की हड़ताल का आह्वान किया। जो कि 100 फीसद खरा भी उतरा। दो दिन की हड़ताल में दुकान पूरी बंद रही। इस दौरान उन्होंने उपायुक्त की मार्फत सीएम मनोहर लाल को प्रेषित ज्ञापन सौंपते हुए अपनी मांग बुलंद की। तय कार्यक्रम के मुताबिक कॉल बहादुरगढ़ से होकर हरियाणा तक पहुंचनी थी। इधर, कोरोना काल में कैमिस्टों की हड़ताल के कारण तिमारदारों और मरीजों को खासी परेशानी भी हुइ। जबकि, पुलिस ने भी बढ़ते हुए दबाव को देखते हुए व्यापारियों के साथ तालमेल बनाए रखा।

इधर, बुधवार को श्री राम धर्मशाला में आयोजित व्यापारियों की बैठक में मौजूद लोगों ने पुलिस के स्तर पर उठाए गए कदम की विस्तार से जानकारी दी। जिसके बाद उपस्थित लोग आश्वस्त दिखें और हड़ताल की कॉल को वापिस ले लिया। प्रतिक्रिया : रंगदारी से जुड़ा मामला करीब-करीब सुलझ चुका है। व्यापारियों को पूरी स्थिति से अवगत करा दिया गया है। पुलिस कार्यवाही से आश्वस्त होने के बाद ही उन्होंने हड़ताल की कॉल वापिस लेने का फैसला लिया है। जल्द ही पूरे मामले का अपडेट दिया जाएगा कि किन कारणों से वारदात को अंजाम दिया गया। राजेश कुमार, सिटी थाना प्रभारी, झज्जर

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