30 अप्रैल तक स्कूल बंद करने के आदेशों से बन रही टकराव की स्थिति

- स्कूल संचालकों ने लगाया आरोप राष्ट्र निर्माता को घर बैठाने की हो रही तैयारी

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 07:00 AM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 07:00 AM (IST)
30 अप्रैल तक स्कूल बंद करने के आदेशों से बन रही टकराव की स्थिति
30 अप्रैल तक स्कूल बंद करने के आदेशों से बन रही टकराव की स्थिति

- स्कूल संचालकों ने लगाया आरोप, राष्ट्र निर्माता को घर बैठाने की हो रही तैयारी

- इधर, बोले अभिभावक, एक दफा फिर खराब होता दिख रहा साल, बच्चों को नहीं जवाब देने की स्थिति में जागरण संवाददाता, झज्जर : 30 अप्रैल तक कक्षा एक से कक्षा आठ तक के स्कूलों को बंद किए जाने के आदेश के बाद टकराव की स्थिति बनती दिख रही हैं। स्कूल संचालक जहां स्कूल खोलने के लिए तैयार हैं। वहीं अभिभावकों को भी चिता सता रही है कि लगातार दूसरा साल बच्चों का घर बीतता हुआ दिख रहा हैं। इंटरनेट मीडिया के माध्यम से अन्य प्रदेशों के कार्यक्रम में दिखने वाली भीड़ उन्हें ज्यादा परेशान कर रही हैं। साफ कहना है कि इन परिस्थितियों में वे ना तो अपना घर चला पाएंगे और ना ही बच्चों को पढ़ा पाएंगे। कारण कि उन्हें दिन भर अपना काम करना पड़ता है। पूरा दिन घर पर रह रहे बच्चों की ठीक ढंग से ना तो संभाल हो पा रही। जबकि, नियमित तौर पर घर पर पढ़ाई करने से उनका रूटिन भी खराब हो गया है।

बॉक्स :

दरअसल, सरकार के आदेशों के बाद हरकत में आए स्कूल संचालकों ने दिल्ली रोड स्थित एलए वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में सहोदय प्रधान रमेश रोहिल्ला की अध्यक्षता में बैठक की है। जिसमें उन्होंने कहा कि आज के समय में अन्नदाता सड़कों पर बैठा है और राष्ट्र निर्माता को सरकार घर बैठाने की तैयारी कर रही हैं। उपस्थित सभी स्कूल संचालकों सर्वसम्मति से इस फैसले का विरोध किया है।

रोहिल्ला ने बताया कि अचानक इस तरह के आदेश देने से पूरे शिक्षा समाज में एक अविश्वास पनप गया है। हम मानते हैं कि कोरोना एक बहुत ही भयंकर और भयानक बीमारी है, जो फिर से पैर पसार रही है, यह चिता का विषय है। हमें भी डर है अपने जीवन का, अपने बच्चों का, अपने परिवार का, अपने अध्यापकों का, ड्राइवर का अपने माली का। स्कूल में कार्यरत सभी सर्व कर्मचारी भी इस बात से दुखी हैं कि कोरोना फैल रहा है। लेकिन, पहली से आठवीं कक्षा तक के स्कूल बंद करने मात्र से कोरोना पर रोक नहीं लग पाएगी। उपस्थित सहवाग स्कूल के निदेशक धीरेन्द्र सिंह, गोल्डन वैली स्कूल निदेशक जितेन्द्र लाठर, एल.ए स्कूल निदेशक जगपाल गुलिया, एच.डी स्कूल निदेशक बलराज फौगाट, ब्रिगेडियर स्कूल निदेशक आशा अहलावत, संस्कारम स्कूल चेयरमेन महिपाल यादव, एच.डी स्कूल से विशाल नेहरा आदि ने कहा कि इंटरनेट मीडिया पर रोजाना कार्यक्रम और रैलियों में भीड़ दिख रही हैं। जबकि, स्कूलों में तो ऐसा कुछ नहीं है। स्कूल संचालक विद्यार्थियों का अपने परिवार की तरह ध्यान रखते हैं। बल्कि, सरकार को तो स्कूल चलाने में अतिरिक्त सहयोग करना चाहिए।

घर पर बच्चों के कैसे बिताएं समय बॉक्स : अभिभावक दीपक वर्मा के मुताबिक उनका बेटा कक्षा दस जमा दो कक्षा में पढ़ता है और बेटी कक्षा दस में। दोनों बोर्ड की कक्षाओं के विद्यार्थी है। परिवार में पहले ही चिता है। हालांकि, हमारे यहां छोटे बच्चे तो नहीं हैं। लेकिन, परिवार में तो छोटे बच्चे भी है। जिनका पिछला साल भी खराब हुआ है और आगे भी होता दिख रहा है। सरकार को जरूर इस बारे में सोचना चाहिए।

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