जल्द ही मंदिर के कमरों से खुद के भवन में लगेंगी कॉलेज की कक्षाएं

गोपाल कृष्ण माछरौली अब जल्द ही कुलाना के राजकीय महिला महाविद्यालय की छात्राओं की कक्षाए

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 05:51 AM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 05:51 AM (IST)
जल्द ही मंदिर के कमरों से खुद के भवन में लगेंगी कॉलेज की कक्षाएं
जल्द ही मंदिर के कमरों से खुद के भवन में लगेंगी कॉलेज की कक्षाएं

गोपाल कृष्ण, माछरौली : अब जल्द ही कुलाना के राजकीय महिला महाविद्यालय की छात्राओं की कक्षाएं देवी मंदिर की बजाय खुद के भवन में लगेंगी। कारण कि मौजूदा समय तक महिला महाविद्यालय कुलाना की छात्राएं पाटोदा के देवी मंदिर स्थित कमरों में कक्षाएं लगाकर पढ़ाई कर रही है।

जिस कारण छात्राओं को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था और संसाधनों की कमी से भी दो-चार होना पड़ रहा था। बनी इस परिस्थिति से जल्द ही निजात मिलने की उम्मीद दिख रही है।

क्योंकि, महिला महाविद्यालय का तीन मंजिला भवन बनकर तैयार हो रहा है। इस वर्ष के अंत तक भवन का निर्माण कार्य पूरा होने की उम्मीद है। जिसके बाद विद्यार्थियों को सभी सुविधाओं से युक्त कक्षाओं में बैठकर पढ़ने का मौका मिल पाएगा।

बॉक्स : महिला महाविद्यालय कुलाना में फिलहाल कुल 142 छात्राएं पढ़ रही है। हालांकि, कॉलेज में बीए की 80 व बी-कॉम की 80 सीटें हैं। छात्राओं को पढ़ाने के लिए मंदिर के कमरे में उचित सभी सुविधाएं कम पड़ रही हैं। साथ ही जगह का भी अभाव साफ झलक रहा है। इसलिए नए भवन का बेसब्री से इंतजार है। बता दे कि नए भवन का निर्माण कार्य जुलाई 2018 से चल रहा है। जब तक कॉलेज का भवन नहीं बनता, तब तक वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए देवी मंदिर पाटोदा में बने कमरे में कक्षाएं चलाए जाने का निर्णय लिया गया था। मौजूदा समय में करीब आधे से अधिक कार्य पूरा हो चुका है। विद्यार्थी ही नहीं स्टॉफ भी नए भवन का इंतजार कर रहे है। तीन मंजिला इस भवन को मिलने के बाद विद्यार्थियों को ना तो जगह की कमी रहेगी और ना ही सुविधाओं की। कॉलेज के नए भवन में कक्षाएं लगाने व ऑफिस कार्य के लिए 25 कमरे हैं। वहीं 1 हॉल है, जिसमें कोई भी बड़ा कार्यक्रम किया जा सकता है। साथ ही 6 लैब व लाइब्रेरी के लिए अलग से कमरे तैयार किए गए है और 1 कैंटीन। - महिला महाविद्यालय की प्रिसिपल डा. सुषमा शर्मा ने कहा कि फिलहाल भवन नहीं होने के कारण कक्षाएं देवी मंदिर में चल रही है। कॉलेज का भवन तैयार होने के बाद जल्दी ही शिफ्ट करके कक्षाएं नए भवन में लगानी आरंभ कर दी जाएगीं। क्योंकि मंदिर में पढ़ाई के लिए जगह कम पड़ रही है।

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