अभियान : व्यापारियों के सपनों पर भारी पड़ती आईं बिजली की चिगारी, ..आज तक नहीं सुधर पाए हालात

- हाईटेंशन तारों ने भी खूब बढ़ाई लोगों की टेंशन साल-दर-साल बना रहा तारों का मुद्दा - मुख्य बाजार के क्षेत्र में बद से बदतर हुए हालात व्यापारी उठा रहे समाधान की मांग

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 06:00 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 06:00 PM (IST)
अभियान : व्यापारियों के सपनों पर भारी पड़ती आईं बिजली की चिगारी, ..आज तक नहीं सुधर पाए हालात
अभियान : व्यापारियों के सपनों पर भारी पड़ती आईं बिजली की चिगारी, ..आज तक नहीं सुधर पाए हालात

जागरण संवाददाता, झज्जर : बात सन 2012 की है। मुख्य बाजार में स्थित धींगड़ा बंधु एक रात अपनी दुकानों को ठीक-ठाक बंद कर घर गए थे। लेकिन, सुबह दुकान को खोलने से पहले उन्हें यह संदेश प्राप्त हुआ कि दोनों दुकान में किन्हीं कारणों के चलते आग लग गई हैं। मुख्य बाजार स्थित दो प्रतिष्ठानों में एक साथ आग लगने की सूचना मिलते ही कुछ मिनटों में बाजार में लोगों का जमावड़ा लग गया। हर स्तर पर आग बुझाने का प्रयास किया गया। फायर ब्रिगेड को सूचित किया। लेकिन, फायर ब्रिगेड की गाड़ी को भी मौके पर पहुंचने के लिए बिजली की तारों के जाल से जूझना पड़ा। किसी तरह से गाड़ी वहां पहुंची और स्थानीय लोगों की मदद से आग पर काबू पाया गया। लेकिन, आगजनी की घटना में दोनों दुकानों का सामान आग की भेंट चढ़ गया। तत्कालीन समय में मौके पर मौजूद रहे व्यापारी धींगड़ा बंधुओं को किसी तरह से हिम्मत बंधा रहे थे। आज भी किसी भी तरह का शार्ट सर्किट इन दोनों बंधुओं की उस पुराने दौर की याद को ताजा करा देता है। दरअसल, यह बाजार में कारोबारियों के साथ घटित हुआ कोई पहला हादसा नहीं हैं। शहर के आर्य नगर, बस स्टैंड के पीछे, हनुमान मंदिर के पास, डाकखाना मैदान के पास आदि क्षेत्रों में बिजली की तारों में शार्ट सर्किट हो जाने के चलते व्यापारियों को काफी नुकसान हो चुका है। जिसकी भरपाई आज तक नहीं हो पाईं। क्योंकि, जब भी ऐसा कोई दूसरा हादसा होता है तो वे सिहर जाते हैं। ट्रक को बाहर तक निकलवाने में व्यापारियों को उठानी पड़ रही जहमत :

मुख्य बाजार की बात करें तो हालात काफी दयनीय हो रखे हैं। बिजली के पोल पर अकेले करंट की तारों का ही बोझ नहीं है। सिटी केबल और इंटरनेट की तारों का जाल इसे और ज्यादा बड़ा बना रहा है। ऐसी स्थिति में उन व्यापारियों को विशेष तौर पर परेशानी होती है। जब गाड़ियों में इनका माल प्रतिष्ठान के बाहर तक पहुंचना होता है। ऐसी स्थिति में व्यापारियों को गाड़ी को लेकर आने और छोड़कर आने का काम भी खुद करवाना पड़ता है। जिसकी वजह से उनका काफी समय भी खराब होता है और आर्थिक नुकसान होने का डर भी सताता है। पहले हाईटेंशन तारों ने खूब बढ़ाई टेंशन :

शहर के विस्तार के साथ-साथ बाहरी क्षेत्र की कुछ कालोनियों के ऊपर से गुजरने वाली हाईटेंशन तारों ने भी करीब अढ़ाई दशक तक लोगों की खूब टेंशन बढ़ाई है। शहर के सुभाष नगर, माडल टाउन, किला कालोनी से गुजरने वाली हाई टेंशन लाइनों को स्थानांतरित करवाने की मांग को लेकर लोगों ने लंबे समय तक संघर्ष किया। दैनिक जागरण ने भी लंबे अभियान चलाकर लोगों की मुहिम का हिस्सा बनते हुए उनकी आवाज उठाईं। हाईटेंशन तारों के करंट की चपेट में आने से कई लोग अपनी जान से हाथ धो चुके हैं, जबकि, कई लोग अपने अंग भी गंवा चुके हैं। जिसका दर्द आज भी ऐसे परिवारों के चेहरे पर साफ देखने को मिल सकता है। प्रतिक्रिया :

लटकते हुए बिजली के तारों का जाल, शहर के किसी भी हिस्से में देखा जा सकता है। इस स्थिति से छुटकारा मिल पाए, की सोच को केंद्र में रखते हुए कई दफा निगम को शिकायत दी गई। कुछ हिस्सों में तो थ्री फेज केबल डाल दी गई। लेकिन, उसके बाद भी तारों के जाल और खुले कनेक्शन अभी तक खत्म नहीं हो पाए हैं। निगम को व्यापक स्तर पर इस दिशा में अभियान चलाकर लोगों को राहत पहुंचाने का कार्य करना चाहिए।

-सतीश धींगड़ा, संस्थापक सदस्य, व्यापारी एकता मंच।

अक्सर गाड़ी से जब भी माल प्रतिष्ठान तक आता है तो मुख्य बाजार के क्षेत्र से होकर गुजरना आसान प्रतीत नहीं होता। क्योंकि, बहुत से स्थानों पर तारों को ऊपर उठाने के बाद ही गाड़ी क्रास हो पाती है। जिसकी वजह से अकेला चालक तो प्रतिष्ठान तक गाड़ी ला ही नहीं सकता। समस्या धरातल पर लंबे समय से परेशान कर रही है। निगम को इस दिशा में ध्यान देना चाहिए।

महेंद्र बंसल, संरक्षक व्यापार मंडल झज्जर।

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