अभियान : बिजली की तारों के मकड़जाल में उलझा हर घर का कनेक्शन, कैसे मिलें राहत, देखें विभाग
- बिजली के पोल ही नहीं गलियों में भी बने तारों के जाल - बरसात के दौरान होने वाली स्पार्किंग की वजह से बाधित हो रही व्यवस्था
जागरण संवाददाता, झज्जर : बिजली के तारों का मकड़जाल वर्षों से है। देखा जाए तो बिजली के पोल से सर्विस वायर और केबल नेटवर्क की तारें मौत बनकर गुजर रही हैं। इन तारों के बीच केबल तार के बंडल लटके हुए हैं, जो कि कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं। इसे देखने वाला कोई नहीं। खास तौर पर बारिश के दिनों में शार्ट सर्किट व उससे अनहोनी का डर हमेशा बना रहता है। शुक्रवार को बरसात के दौरान डायमंड चौक क्षेत्र में तारों के जाल से बरसात के दौरान निकली चिगारी से एक केमिस्ट शाप की बिजली गुल हो गई। दुकान संचालक गुलशन मिगलानी ने इसकी शिकायत करते हुए तारों की मुरम्मत करवाईं। जिसके बाद बिजली व्यवस्था पटरी पर आईं और वे अपना काम कर पाए। क्षेत्र के ज्यादातर लोगों का कहना है कि बिजली निगम के अधिकारियों से कई बार मिल चुके हैं, लेकिन समस्या का समाधान अब तक नहीं हुआ है। हर बार केवल समस्या के समाधान का आश्वासन दिया जाता है। शहर में मुख्य मार्गों के अलावा गली मुहल्लों में भी सर्विस तारों का मकड़जाल देखा जा सकता है। दरअसल, बिजली कंपनी हमेशा उपभोक्ताओं को खंभे से कनेक्शन देती है। कई बार तार ढीले पड़ जाते हैं। इस कारण भी लटक जाते हैं। यदि वक्त रहते बिजली निगम तारों को ऊपर उठाने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं की तो लापरवाही में कोई हादसा हो सकता है। डंडे से उठाते हैं तार तब निकलता है वाहन :
स्थानीय लोगों ने बताया कि बाजार के प्रमुख रोड में जब सामान से भरा कोई वाहन प्रवेश करता है तो बिजली पोल से गए सर्विस वायर को डंडे के सहारे उठाना पड़ता है। मुख्य मार्गों के किनारे लगे बिजली के खंभों पर मकड़जाल की तरह से फैले बिजली के तारों के नीचे से जब भी कोई बड़ा वाहन गुजरता तो स्पार्किंग भी होती है। तारों पर बंदरों के झूलने से भी हो रही स्पार्किंग :
शहर के अनेक हिस्सों में तारों का मकड़जाल जानलेवा बना हुआ है। इनमें शायद ही ऐसा कोई गली या मुहल्ला हो। जहां पर तारों की बदहाल स्थिति नहीं हो। जबकि शहर के भीतरी इलाकों में घनी आबादी निवास करती है। इतना ही नहीं शहर के मुख्य बाजार में भी बिजली के तार इस कदर फैले है कि हादसा होता है तो बड़ी जान माल की क्षति हो सकती है।साथ ही इन लटकती हुई तारों से जब बंदर झूलते हैं तो और ज्यादा नीचे लटक जाती है। कुल मिलाकर, जर्जर हालत में हवा में झूल रहे बिजली के खंभों को मेंटेनेंस का इंतजार है। लिहाजा, क्षेत्रीय लोगों को डर है कि बरसात के मौसम में लोहे के खंभों में करंट आने से कोई बड़ा हादसा न हो जाए।