टीकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन में एक और मौत
जागरण संवाददाता बहादुरगढ़ टीकरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में शनिवार को एक
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:
टीकरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में शनिवार को एक और मौत हो गई। पंजाब के गुरदासपुर के गांव गिल्लावाली के रहने वाले 75 वर्षीय अमरीक सिंह ने दम तोड़ दिया। हार्ट अटैक इसकी वजह माना जा रहा है। शव को सिविल अस्पताल भेजा गया है। स्वजनों ने किसान कमेटी पर मामला छोड़ दिया और पोस्टमार्टम करवाने से इंकार कर दिया। बहादुरगढ़ में आंदोलन से जुड़े आठ लोगों की मौत हो चुकी है। कैथल के जिस किसान अमरपाल की मौत की घटना दिल्ली बॉर्डर पर होने की बात कही जा रही है। वह इन आठ मामलों से अलग है। मृतक किसान अमरीक सिंह 24 दिसंबर को यहां पर आया था। परिवार के कई और सदस्य आंदोलन में आए हुए हैं। उनके पुत्र बलजीत ने बताया कि शनिवार सुबह उठने के बाद उनके पिता शौच आदि के लिए गए। बाद में ठंड लगने की बात कही। चाय पी और सो गए। इसके बाद दोपहर को जब उन्होंने देखा तो उसके पिता अचेत थे। पास के कैंप से डाक्टर को बुलाया गया। उन्होंने जांच के बाद मौत की पुष्टि की। उधर, सेक्टर-9 चौकी प्रभारी विनोद कुमार ने बताया कि जिस समय पुलिस के पास सूचना आई तब टीम को भेजा गया। शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया। मगर स्वजनों ने कहा कि जब किसान कमेटी कहेगी, तभी वे शव का पोस्टमार्टम करवाएंगे। उन्होंने ब्यान देने से मना कर दिया। बता दें कि 27 नवंबर से ही किसान यहां पर डटे हुए हैं। एक महीना आंदोलन को बीत चुका है। कई दिन के अंतराल के बाद अब फिर आंदोलन में मौत हुई है। पहले के मामलों में भी मुआवजा व नौकरी की मांग उठी थी। किसानों ने कई दिनों तक अस्पताल के सामने धरना भी दिया था और जाम भी लगाया था। सरकार द्वारा इस संबंध में कोई फैसला नहीं लिया गया। ऐसे में किसानों ने खुद ही धरना हटा लिया था। इस जद्दोजहद में शव कई-कई दिनों तक अस्पताल में रखे गए थे। इससे पहले यहां मेवा सिंह, लखबीर सिंह, जय सिंह, गज्जन सिंह, गुरजंट, आढ़ती के मुनीम कृष्ण लाल और मैकेनिक के सहायक जनकराज की मौत हो चुकी है।