अपनी मांगों को लेकर 26 को जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन करेंगी आंगनबाड़ी वर्कर व हेल्पर
-मांगे नहीं मानी तो 8 दिसंबर से आंगनबाड़ी सेंटरों को बंद करने की दी चेतावनी -लघु सचिवालय में आंगनबाड़ी वर्कर व हेल्पर एसोसिएशन की हुई बैठक
जागरण संवाददाता,झज्जर :
सोमवार को आंगनबाड़ी वर्कर हेल्पर यूनियन की बैठक लघु सचिवालय में हुई। जिसमें ब्लाक प्रधान, सर्कल प्रधान व जिला कमेटी ने भाग लिया। जिसकी अध्यक्षता सुरेश बेरी ने की। जिसमें वर्ष 2018 के दौरान हुए समझौते की मांगों को लेकर विस्तार से चर्चा की हुई। बैठक का संचालन जिला कैशियर सुनीता खानपुर खुर्द ने किया। राज्य प्रधान छोटा गहलावत ने कहा कि आंगनबाड़ी वर्करों पर पोषण ट्रैकर के बारे में दबाव दिया जा रहा है। इसका जिला कमेटी ने विरोध करते हुए कहा कि वे पोषण ट्रैकर पर काम नहीं करेंगी। एनजीओ के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों में प्ले स्कूल चलाए जा रहे हैं, सरकार नई शिक्षा नीति लागू करने के बहाने से आइसीडीएस को बंद करने जा रही है। ऐसा किसी भी सूरत में नहीं होने दिया जाएगा।
राज्य प्रधान छोटा गहलावत ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जो नई शिक्षा नीति 2030 तक लागू करने की भारत सरकार की नीति है, उसे 2025 तक लागू करने का निर्णय लिया है। इसका यूनियन कड़े शब्दों में निदा करेगी। साथ ही 26 नवंबर को प्रदेश के प्रत्येक जिले में जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा। साथ ही उपायुक्त के माध्यम से हरियाणा सरकार को ज्ञापन सौंपा जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में मुख्यमंत्री ने आंगनबाड़ी वर्कर व हेल्पर को कुशल, अर्ध कुशल श्रमिक का दर्जा देने की बात कही थी, लेकिन वह आज तक लागू नहीं की है। केंद्र सरकार ने 1500 रुपये वर्कर व 750 रुपये हेल्पर का मानदेय बढ़ाने की बात की थी, लेकिन आज तक लागू नहीं की है।
बैठक में शामिल सुनीता छुड़ानी, सावित्री साखोल, सुनीता, सुनील बेरी, सुशीला, पुष्पा आदि ने मांग की कि वर्कर से सुपरवाइजर में प्रमोट करने पर आयु सीमा हटाई जाए, सेवानिवृत्ति पर 5 लाख रुपये वर्कर को व 3 लाख रुपये हेल्पर को दिए जाएं और पेंशन भी लागू की जाए।