आंगनबाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स ने शुरू की अनिश्चितकालीन हड़ताल, की सरकार के खिलाफ नारेबाजी
- कहा पोषण ट्रेकर पर नहीं करेंगी काम लंबित मांगों को जल्द किया जाए पूरा
जागरण संवाददाता,झज्जर : आंगनबाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर्स बुधवार को मांगे मनवाने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों पर ताला लगाकर विरोध प्रदर्शन किया। तय कार्यक्रम के मुताबिक सबसे पहले वे लघु सचिवालय स्थित पार्क में एकत्रित हुई और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। जिसमें उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं कर दिया जाता, तब तक वे धरना प्रदर्शन जारी रखेंगी। सरकार उनकी मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। अब तक केवल आश्वासन ही मिले हैं। वर्ष 2018 में भी आंगनबाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स के विरोध प्रदर्शन के चलते सरकार ने मांगे मानते हुए उन्हें जल्द ही पूरा करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक मांगे पूरी नहीं हुई। लघु सचिवालय में हुए विरोध प्रदर्शन की अध्यक्षता जिला प्रधान सुरेश बेरी ने की और धरने का संचालन जिला कैशियर सुनीता खानपुर ने किया।
अपनी मांगों पूरी नहीं होने के कारण रोष स्वरूप आंगनबाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर्स यूनियन हरियाणा के बैनर तले प्रदेश भर में धरना प्रदर्शन किया गया। राज्य प्रधान छोटा गहलावत ने कहा कि वर्ष 2018 में हुए धरने प्रदर्शन के दौरान लंबित मांगों को को लेकर सीएम के साथ समझौता हुआ था, जिसमें कुशल व अर्ध कुशल का दर्जा देने का आश्वासन दिया था, जो अभी तक लागू नहीं किया। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने पोषण ट्रैकर पर हाई कोर्ट से स्टे ली हुई है। फिर भी विभाग द्वारा वर्कर्स पर दबाव बनाया जा रहा है। वे पोषण ट्रैकर पर काम नहीं करेंगी। काफी आंगनबाड़ी वर्कर दसवीं या इससे कम पढ़ी हुई है। ऐसे में आनलाइन काम करना मुश्किल हो रहा है। वे किसी भी सूरत में आनलाइन काम नहीं करेंगी। विरोध प्रदर्शन में ब्लाक प्रधान सुनीता बेरी, सावित्री सांखोल, सरस्वती मातनहेल, सुनीता छुड़ानी, विद्या शर्मा साल्हावास, सीमा झज्जर आदि उपस्थित रही। इन मांगों को उठाया प्रमुखता से : सरकारी कर्मचारी का दर्जा नहीं देने तक आंगनबाड़ी वर्कर को 24 हजार रुपये व हेल्पर को 16 हजार रुपये मानदेय दिया जाए। नई शिक्षा नीति व प्ले स्कूल बनाने को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं में रोष है। हेल्पर को वर्कर तथा वर्कर को सुपरवाइजर प्रमोट करने की आयु सीमा हटाई जाए। सेवानिवृत्ति पर वर्कर को पांच लाख व हेल्पर को तीन लाख रुपये तथा पेंशन दिए जाएं। आंगनबाड़ी भवनों का किराया बड़े शहरों में पांच हजार, छोटे शहरों में तीन हजार व गांवों में दो हजार लागू किया जाए। आंगनबाड़ी वर्कर व हेल्पर को विभागीय बैठक व ट्रैनिग में बुलाने के लिए टीए-डीए दिया जाए। आइसीडीएस के खाली पदों को भरा जाए। वर्कर व हेल्पर को ईएसआइ एवं पीएफ के तहत कवर किया जाए और तुरंत खाते खोले जाएं। राशन सप्लाई समय पर की जाए व साफ-सुधरा राशन दिया जाए। ईंधन की राशि को बढ़ाया जाए या सिलेंडर विभाग खुद भरवाकर दे। महंगाई भत्ते का बकाया एरियर दिया जाए।