किसान आंदोलन में खेतों की मिट्टी व जल को कांवड़ की तरह लेकर पहुंचे रोहतक के मकड़ौली गांव के युवा

रोहतक के मकड़ौली से युवाओं की टोली खेतों की मिट्टी व जल को कांवड़ के रूप में लेकर पहुंची और टीकरी बार्डर पर रखी गई दीनबंधू छोटूराम की प्रतिमा का अभिषेक किया। यहां पर इन युवाओं को मंच से सम्मानित भी किया गया।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 04:35 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 04:35 PM (IST)
किसान आंदोलन में खेतों की मिट्टी व जल को कांवड़ की तरह लेकर पहुंचे रोहतक के मकड़ौली गांव के युवा
आंदोलनकारियों ने टीकरी बार्डर पर रखी छोटूराम की प्रतिमा का किया अभिषेक

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में रविवार को रोहतक के मकड़ौली से युवाओं की टोली खेतों की मिट्टी व जल को कांवड़ के रूप में लेकर पहुंची और टीकरी बार्डर पर रखी गई दीनबंधू छोटूराम की प्रतिमा का अभिषेक किया। यहां पर इन युवाओं को मंच से सम्मानित भी किया गया। गौरतलब है कि इस बार कांवड़ यात्रा पर सरकार की ओर से प्रतिबंध लगाया गया है। ऐसे में हरिद्वार और गोमुख से डाक कांवड़ लाने वाली टोलियों ने इस बार आंदोलन में अपनी भावनाएं इस तरह जताई। मकड़ौली गांव से करीब 20 युवा डाक कांवड़ की तरह ही मिट्टी व जल लेकर आए। वही मंच पर पश्चिम बंगाल से पहुंची फातिमा बेगम ने कहा कि आंदोलन को आठ माह पूरे हो चुके हैं।

किसान पीछे हटने वाले नहीं हैं। इस लड़ाई को जीतकर ही किसान वापस जाएंगे। यदि सरकार यह सोचती है कि आंदोलन को लंबा खींचने से किसान थक जाएंगे और वापस लौट जाएंगे, तो वह गलत है। वहीं पंजाब से जसकरण सिंह ने आह्वान किया कि जो भी किसान घरों में बैठे हैं, वे ज्यादा से ज्यादा संख्या में इस आंदोलन में शामिल हो। साथ ही जो भी किसान यहां डटे हुए हैं, वे अपने आसपास में साफ-सफाई जरूर करें। उन्होंने कहा कि अब देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को पता चल गया है कि किसान केवल खेतों में हल ही नहीं बल्कि संसद चलाना भी जानते हैं। मंच से अन्य कई नेताओं ने भी संबोधित किया और किसानों से आह्वान किया कि वे अपने-अपने गांवों में गए किसानों से संपर्क करे और उन्हें बार्डर पर बुलाएं ताकि आंदोलन को मजबूती दी जा सके। साथ ही जो किसान तंबुओं में हैं, वे भी नियमित रूप से सभा में उपस्थित हों।

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