ध्यान लगाने से मिलेगी आनंद की प्राप्ति : आचार्य सुश्रुत सामश्रमी
माडल टाउन स्थित आर्य समाज के वार्षिकोत्सव का चौथा दिन।
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जागरण संवाददाता, हिसार।
माडल टाउन स्थित आर्य समाज के वार्षिकोत्सव के चौथे दिन आयोजित भजन-सत्संग कार्यक्रम में पानीपत से पधारे मुख्य प्रवक्ता आचार्य सुश्रुत
सामश्रमी ने ब्रम्ह यज्ञ के विषय पर बोलते हुए कहा व्यक्ति परमेश्वर की उपासना को छोड़कर के इंद्रियों के सुख के लिए आंख, नाक व कान इत्यादि से प्राप्त होने वाले सुख में लगा रहता है, वह व्यक्ति उसके साथ दुख भी भोगता है, यदि मनुष्य को सदा रहने वाले सुख की इच्छा है और यह इच्छा है कि मुझे सुख तो प्राप्त हो परंतु उसके साथ में मिलने वाला दुख प्राप्त ना हो तो मनुष्य को ईश्वर आनंद को प्राप्त करने के लिए प्रयास करना चाहिए, जिसके लिए कहीं अन्य-अन्य स्थानों पर भटकने की आवश्यकता नहीं जहां हो वहीं आंख बंद कर बैठ कर प्रभु का ध्यान लगाने की आवश्यकता है। फरीदाबाद से आये प्रदीप शास्त्री ने सच्चिदानंद ने सुंदर सकल सृष्टि रचाई है, पता कुछ पा नहीं सकता कहां किसकी रसाई है, भजन सुनाकर ईश्वर के स्वरुप के बारे में चर्चा की। इससे पूर्व मंच का संचालन कर रहे आचार्य सूर्यदेव देवांशु ने परमपिता परमेश्वर तुने किस भांति संसार रचा, स्वयं विधाता निराकार तुने जग कैसे साकार रचा भजन प्रस्तुत करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया। प्रात: काल यज्ञ हुआ जिसमें जयकुमार बंसल, दीपक भंडारी, देव कुमार गर्ग, अशोक गौतम ने सपत्नीक यजमान बनकर यज्ञ में आहुति दी। सत्संग सभा में सेठ जगदीश प्रसाद आर्य, रामकुमार रावलवासिया, चौ. हरिसिंह सैनी, गंगादत्त अहलावत, पवन रावलवासिया, वीरेंद्र कुमार आर्य, ओम सिंह लाम्बा, मुनीराम आर्य, ताराचंद आर्य, शिवदान सिंह आर्य, रमेश चुघ, कल्याणी आर्या, कंचन डुडेजा, रेखा गौतम, सविता वेदांशु, देववती आदि भी उपस्थित रहे।