Jhajjar News: सितंबर माह के दौरान झज्जर में कुल 1418.8 एमएम बरसात हुई, जानें कितने सालों का टूटा रिकार्ड
झज्जर में सितंबर माह के दौरान बेशक बरसात सबसे अधिक रही है। लेकिन इस बार जिले में फसलों का बिजाई एरिया कम रहा है। जहां वर्ष 2020 के दौरान 111956 हेक्टेयर एरिया में खरीफ की फसलों की बिजाई हुई थी।
जागरण संवाददाता,झज्जर। पिछले 23 साल में वर्ष 2003 को छोड़कर इस बार सितंबर माह में सबसे अधिक इंद्र देव मेहरबान रहे हैं। सितंबर माह के दौरान बदरा भी जमकर बरसे। जहां 23 साल के दौरान सबसे अधिक बरसात वर्ष 2003 के सितंबर माह में 420.75 एमएम (मिली मीटर) और 2021 सितंबर माह में 236.47 एमएम बरसात दर्ज की गई। वहीं सबसे कम बरसात की बात करें तो वर्ष 2000 में बरसात शून्य रही और 2001 में सितंबर माह के दौरान केवल 1 एमएम बरसात हुई।
किसान बिना सिंचाई के सरसों आदि रबी फसलों की बिजाई कर पाएंगे
सितंबर माह पिछले 23 सालों में केवल वर्ष 2000 में ही सूखा रहा था। इसके अलावा सभी वर्षों में बरसात दर्ज की गई है। इस बार सितंबर माह में हुई जमकर बरसात फसलों के लिहाज से अधिक अच्छी साबित नहीं हो पाई। हालांकि सितंबर माह में हुई बरसात के कारण रबी फसलों की बिजाई में किसानों को फायदा जरूर मिलेगा। किसान बिना सिंचाई के सरसों आदि रबी फसलों की बिजाई कर पाएंगे।
सितंबर माह के दौरान जिले में कुल 1418.8 एमएम बरसात हुई
इस वर्ष सितंबर माह की बात करें तो कुल 31 दिनों में से 17 दिन ऐसे बीते हैं, जिनमें बरसात हुई है। केवल 14 दिनों में ही बरसात नहीं हुई। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि सितंबर में हर दूसरे दिन बरसात हुई। जिसका परिणाम रहा कि पिछले करीब 18 सालों के मुकाबले इस वर्ष सितंबर माह में सबसे अधिक बरसात हुई है। बरसात के मामले में बहादुरगढ़ खंड सबसे आगे रहा है। सितंबर माह के दौरान जिले में कुल 1418.8 एमएम बरसात हुई। वहीं औसतन बरसात की बात करें तो 236.47 एमएम बरसात दर्ज की गई। इसमें से सबसे अधिक बरसात बहादुरगढ़ खंड में 294.8 एमएम और सबसे कम झज्जर खंड में 155.3 एमएम रही।
यह हुई खंड वाइज बरसात
खंड बरसात
झज्जर 155.3 एमएम
साल्हावास 286.5 एमएम
बेरी 176 एमएम
मातनहेल 290.5 एमएम
बहादुरगढ़ 294.8 एमएम
बादली 215.7 एमएम
कुल 1418.8 एमएम
औसतन बरसात 236.47 एमएम
ये हुई पिछले वर्षों में सितंबर माह के दौरान बरसात
वर्ष बरसात
1999 21.5 एमएम
2000 00
2001 1 एमएम
2002 69.5 एमएम
2003 420.75 एमएम
2004 13.25 एमएम
2005 174.75 एमएम
2006 56.5 एमएम
2007 58.6 एमएम
2008 132.8 एमएम
2009 229 एमएम
2010 158.4 एमएम
2011 79.2 एमएम
2012 2.5 एमएम
2013 43.7 एमएम
2014 124.04 एमएम
2015 26.48 एमएम
2016 13.32 एमएम
2017 14.64 एमएम
2018 154.68 एमएम
2019 10.24 एमएम
2020 25.67 एमएम
2021 236.47 एमएम
हर माह हो रही बरसात
जिले में इस वर्ष हर माह बरसात हो रही है। अब अक्टूबर माह करीब आधा बीच चुका है। लेकिन इस वर्ष के दस माह की बात करें तो एक भी माह ऐसा नहीं गया, जिसमें बरसात ना हुई हौ। कम हो या ज्यादा हर माह में बरसात हुई है। दस माह के दौरान सबसे कम फरवरी माह में औसतन बरसात 1.1 एमएम दर्ज की गई। वहीं सबसे अधिक बरसात जुलाई माह में हुई। जुलाई माह के दौरान औसतन कुल बरसात 406.38 एमएम बरसात दर्ज की गई। अन्य महिनों में भी बरसात हुई है।
अक्टूबर में 10.42 एमएम हुई बरसात
अक्टूबर माह की बात करें तो अब तक औसतन बरसात 10.42 एमएम हुई है। अक्टूबर माह के पहले पखवाड़े में केवल दो दिन ही बरसात हुई। अन्य दिनों में मौसम साफ रहा है। अक्टूबर माह के दौरान जिले में कुल 62.5 एमएम बरसात हुई और औसतन बरसात 10.42 एमएम रही। अक्टूबर माह के दौरान जिले के केवल तीन खंडों में ही बरसात दर्ज की गई। सबसे अधिक बरसात 52.5 एमएम साल्हावास खंड में। वहीं 8 एमएम बरसात मातनहेल व 2 एमएम बरसात बादली खंड में हुई।
खरीफ फसलों का बिजाई एरिया घटा
सितंबर माह के दौरान बेशक बरसात सबसे अधिक रही है। लेकिन इस बार जिले में फसलों का बिजाई एरिया कम रहा है। जहां वर्ष 2020 के दौरान 111956 हेक्टेयर एरिया में खरीफ की फसलों की बिजाई हुई थी। वहीं वर्ष 2021 के दौरान कुल 92890 हेक्टेयर एरिया में खरीफ फसलों की बिजाई हुई है। पिछले वर्ष के मुकाबले 82.97 फीसद एरिया में ही बिजाई हुई। इस वर्ष पिछले वर्ष के मुकाबले 19 हजार 66 हेक्टेयर एरिया में कम बिजाई हुई है।