कैंसर को हराने का पहलवान संग्राम सिंह ने उठाया बीड़ा, कैंसर पीड़ित मरीजों का कराएंगे फ्री इलाज
शो बिग बास फेम पहलवान फिटनेस गुरु व मोटिवेशन स्पीकर संग्राम सिंह ने कैंसर को हराकर स्वस्थ भारत बनाने की दिशा में मुहिम शुरू की है। संग्राम सिंह ने अपने चेरिटेबल फाउंडेशन का डा. माने मेडिकल फाउंडेशन एंड रिसर्च सेंटर के साथ करार किया है।
ओपी वशिष्ठ, रोहतक : टीवी रियलिटी शो बिग बास फेम पहलवान, फिटनेस गुरु व मोटिवेशन स्पीकर संग्राम सिंह ने कैंसर को हराकर स्वस्थ भारत बनाने की दिशा में मुहिम शुरू की है। संग्राम सिंह ने अपने चेरिटेबल फाउंडेशन का डा. माने मेडिकल फाउंडेशन एंड रिसर्च सेंटर के साथ करार किया है। अब देश के किसी भी राज्य से कैंसर पीड़ित आर्थिक रूप से इलाज से वंचित नहीं रहेगा। संग्राम सिंह का फाउंडेशन ऐसे मरीजों का फ्री इलाज कराएंगे। संग्राम सिंह इससे पहले अंगदान, नेत्रदान, शरीर दान और युवाओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक कर चुके हैं।
संग्राम सिंह ने दैनिक जागरण से बातचीत में बताया कि देश में लगातार कैंसर के मरीज बढ़ रहे हैं। शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी कैंसर के मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। लोग कैंसर की बीमारी को लेकर जागरूक नहीं है। जांच के अभाव में कैंसर दूसरी और तीसरी स्टेज में पहुंच जाता है। इलाज महंगा होने के कारण हर आर्थिक रूप से कमजोर लोग अस्पतालों तक नहीं पहुंच पाते हैं। उनके पैतृक गांव मदीना में भी कैंसर के मरीज हैं। इसलिए उन्होंने कैंसर को हराने का संकल्प लिया। उन्होंने इसके लिए महाराष्ट्र के डा. माने मेडिकल फाउंडेशन एंड रिसर्च सेंटर से संपर्क किया, जो करीब दस वर्षों से कैंसर को लेकर रिसर्च कर रहे हैं और जरूरतमंदों का इलाज भी करते हैं। कैंसर के पीड़ित व्यक्ति, महिला व बच्चा, उनसे इंटरनेट मीडिया, ई-मेल या सीधे संपर्क कर करता है। कैंसर के मरीजों का पूरी तरह से फ्री इलाज कराया जाएगा। इसका खर्च संग्राम सिंह
चेरिटेबल फाउंडेशन उठाएगी।
गरीब परिवार की बेटियों को ले चुके हैं गोद
संग्राम सिंह सामाजिक और जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। वह अपने गांव के सरकारी स्कूल के अलावा अन्य स्कूलों की गरीब बेटियों को गोद ले चुके हैं। वह सभी छात्राओं की पढ़ाई का खर्च खुद वहन
करते हैं। इसके अलावा पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी, जिन्होंने देश के लिए मेडल जीते और आज तंगहाली में जीवन यापन कर रहे हैं, उनकी भी मदद कर चुके हैं। ऐसे कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को आर्थिक सहायता उनकी वजह से मिल चुकी है।
गठिया जोड़ की बीमारी को हराकर बन चुके हैं चैंपियन
संग्राम सिंह मूल रूप से जिला के गांव मदीना के निवासी हैं। बचपन में करीब आठ साल बीमारी के कारण चलने-फिरने में लाचार रहने के बाद भी संग्राम सिंह ने हिम्मत नहीं हारी। गांव के अखाड़े में कुश्ती खेलना शुरू किया।
लेकिन साथी, उसकी कमजोरी का मजाक उड़ाते थे। लेकिन उन्होंने खुद को साबित किया। कुश्ती में अनेकों पदक जीतने के बाद प्रोफेशनल कुश्ती खेलनी शुरू की। वर्ष 2015 में संग्राम ने दक्षिण अफ्रीका में डेथ वारंट साइन कर कामनवेल्थ हेवी वेटफाइटिंग में बेल्ट हासिल की। संग्राम सिंह हेल्थ गुरु के तौर पर लोगों को जागरूक रहे हैं।
संग्राम सिंह की उपलब्धियां
- डब्लयूडब्ल्यूपी कामनवेल्थ चैंपियन
- बिग बास-7 में ग्रैंड फिनाले में पहुंचा
- डब्ल्यूडब्ल्यूपी वर्ल्ड बेस्ट प्रोफेशनल रेसलर
- विश्व कुश्ती में चैंपियनशिप में मेडल
- टीवी रियलिटी शो
- क्राइम पेट्रोल