World AIDS Day: जागरूकता और आर्थिक मजबूती के साथ एड्स से लड़ाई, झज्जर में 731 मरीजों का चल रहा उपचार

हरियाणा में स्वास्थ्य विभाग एचआइवी संक्रमितों का उपचार करने के साथ-साथ आर्थिक सहायता भी दी जाती है। सरकार एचआइवी संक्रमितों को 2250 रुपये की पेंशन मुहैया करवाता है। ताकि संक्रमित व्यक्तियों को उपचार करवाने में कोई परेशानी ना हो।

By Naveen DalalEdited By: Publish:Tue, 30 Nov 2021 10:46 AM (IST) Updated:Tue, 30 Nov 2021 10:46 AM (IST)
World AIDS Day: जागरूकता और आर्थिक मजबूती के साथ एड्स से लड़ाई, झज्जर में 731 मरीजों का चल रहा उपचार
स्वास्थ्य विभाग एचआइवी संक्रमितों का उपचार करने के साथ-साथ दे रहा आर्थिक सहायता।

झज्जर, जागरण संवाददाता। एचआइवी एड्स से लड़ाई जीतने के लिए लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ आर्थिक रूप से भी मजबूती दी जा रही है। ताकि लोग एचआइवी एड्स से संक्रमित होने के बाद डरने की बजाए उससे लड़ाई लड़े। जिले की बात करें तो फिलहाल 731 एचआइवी एड्स के मरीज हैं, जिनका उपचार चल रहा है। ताकि एचआइवी ग्रस्त लोग ठीक से जीवन व्यतीत कर सकें। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। सबसे पहले एचआइवी संक्रमितों की पहचान करनी है। इसके लिए लोगों को एचआइवी जांच के लिए भी जागरूक किया जाता है। ताकि यह पता लग सके कि एचआइवी संक्रमित कितने हैं। जिससे कि उनका उपचार किया जा सके।

एड्स पीड़ित को 2250 रुपये की पेंशन दे रही सरकार

स्वास्थ्य विभाग एचआइवी संक्रमितों का उपचार करने के साथ-साथ आर्थिक सहायता भी दी जाती है। सरकार एचआइवी संक्रमितों को 2250 रुपये की पेंशन मुहैया करवाता है। ताकि संक्रमित व्यक्तियों को उपचार करवाने में कोई परेशानी ना हो। साथ ही संक्रमितों को किसी के लिए रुपयों के लिए मोहताज ना होना पड़े। इसलिए सरकार द्वारा चलाई जा रही पेंशन स्कीम लाभदायक सिद्ध हुई है। विभाग द्वारा एचआइवी स्क्रमितों की पहचान भी गुप्त रखी जाती है। जिसके कारण उन्हें समाज का दुत्कार ना सहना पड़े। डिप्टी सिविल सर्जन डा. कुल प्रतिभा ने बताया कि अब तक जिले में 731 एचआइवी मरीजों की पहचान हुई है। एचआइवी की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।

एचआइवी एड्स बचाव

सिरिंज या सुई का केवल एक बार ही प्रयोग करें या 20 मिनट पानी में उबालकर जीवाणु रहित करने के बाद उपयोग में लावें। मादक औषधियों के आदि व्यक्ति द्वारा उपयोग में लाई गई सिरिंज या सुई का प्रयोग ना करें। रक्त की आवश्यकता होने पर अनजान व्यक्ति से रक्त ना लें और एचआइवी जांच किए रक्त का ही इस्तेमाल करें। एड्स संक्रमित महिलाएं गर्भधारण से दूर रहें, क्योंकि मां से बच्चे को भी यह रोग लग सकता है।

एचआइवी एड्स का कारण एचआइवी संक्रमित सिरिंज व सुई का प्रयोग करने से एचआइवी संक्रमित मां से शिशु को एचआइवी संक्रमित अंग प्रत्यारोपण से एचआइवी संक्रमित से यौन संबंध बनाने से बिना जांच किया हुआ रक्त ग्रहण करने से एचआइवी संक्रमित माता-पिता से बच्चे को नशीली दवाईयां इंजेक्शन द्वारा लेने से

chat bot
आपका साथी