दिल्‍ली लॉकडाउन से बहादुरगढ़ से कामगारों की घर वापसी तेज, शादी और पंचायत चुनाव को भी बता रहे वजह

दिल्ली में लॉकडाउन का असर पड़ा है। ऐसे में कामगारों के मन में भय है कि पता नहीं आने वाला वक्त कैसा हो। हालांकि वापसी कर रहे अधिकर कामगार अपने परिवारों में शादियां और पंचायत चुनाव को इसकी वजह बता रहे हैं।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 08:41 AM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 08:41 AM (IST)
दिल्‍ली लॉकडाउन से बहादुरगढ़ से कामगारों की घर वापसी तेज, शादी और पंचायत चुनाव को भी बता रहे वजह
दिल्‍ली लॉकडाउन से बहादुरगढ़ में छोटी फैक्ट्रियां बंद होने से कामगार घर लौटने लगे हैं

बहादुरगढ़, जेएनएन। कोरोना को लेकर प्रदेश सरकार की तरफ से स्थिति नियंत्रण में होने और आक्सीजन व दवाओं का स्टॉक पर्याप्त होने के दावे के साथ ही लॉकडाउन की अभी जरूरत न जताने के बावजूद यहां से कामगारों की घर वापसी तेज हो गई है। दिल्ली में लॉकडाउन का असर पड़ा है। ऐसे में कामगारों के मन में भय है कि पता नहीं आने वाला वक्त कैसा हो। हालांकि वापसी कर रहे अधिकर कामगार अपने परिवारों में शादियां और पंचायत चुनाव को इसकी वजह बता रहे हैं।

रेलवे स्टेशन पर टिकट बुकिंग की लाइन लंबी

शहर के रेलवे स्टेशन पर इन दिनों टिकट बुकिंग के लिए कामगारों की लंबी लाइन देखी जा सकती है। यहां पर फिलहाल एक ही काउंटर चालू है। उसके कारण भीड़ ज्यादा रहती है। शारीरिक दूरी का नियम भी टूट रहा है। अभी इस बारे में राजकीय रेलवे पुलिस द्वारा ध्यान नहीं दिया गया है। सभी ट्रेनों में सीट फुट चल रही है। ऐसे में टिकट वेङ्क्षटग हो रही है। यहां पर टिकट के लिए लाइन में खड़े बरेली के रामू शर्मा ने बताया कि भाई की शादी है। वहीं सुधीर ने भी घर वापसी की वजह परिवार में शादी को बताया। वही उप्र के तुलसीपुर के संजय ने कहा कि कोरोना बढ़ रहा है। क्या पता फिर से पिछले साल वाली परेशानी आ जाए। इसलिए पहले ही परिवार के पास पहुंचना है। वैसे भी यहां पर तो उद्योग अब प्रभावित हो रहे हैं। रोजगार का भरोसा नहीं है। उस स्थिति में यहां रहना भी आसान नहीं होगा।

मन में है आशंका, बच्चों को भेज रहे घर

कुछ कामगार ऐसे हैं जिनके मन में आने वाले समय को लेकर आशंका है। कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। ऐसे में वे फिलहाल खुद तो यहीं पर हैं, लेकिन अपने बच्चों को पैतृक घर भेज रहे हैं। दिल्ली में कफ्र्यू की वजह से उन्हें इसमें परेशानी आ रही है। जटवाड़ा मुहल्ला में किराये पर रह रहे उत्तर प्रदेश के सीतापुर के विनोद कुमार अपने बच्चों को घर छोडऩे के लिए निकले। हालांकि विनोद ने भी कारण शादी बताया और कहा कि उनके यहां अप्रैल से जून में शादी होती हैं। वे पहले किसी तरह टीकरी बॉर्डर से पैदल होते हुए पीवीसी मार्केट तक पहुंचे। यहां से बस नहीं मिली। बाद में आइएसबीटी (अंतरराज्यीय बस टर्मिनल) तक जाने के लिए 600 रुपये में टैक्सी ली। चूंकि सरकार की ओर से कामगारों से घर वापस न जाने की अपील की जा चुकी है, ऐसे में अधिकतर कामगार सीधे तौर पर वापसी की वजह न बताकर यही कर रहें कि शादी में जा रहे और पंचायत चुनाव भी है।

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