Women Week Special: कोरोना काल में 24 घंटे की डयूटी, दुधमुंही बच्ची के भी बचाव का रखा पूरा ख्याल

आरटीपीसीआर लैब इंचार्ज डा. प्रियंका ने कहा संक्रमण का भी खतरा रहता परंतु सदा यही सोच रही कि बिना सैंपलिंग के कोई आशंकित न रहे। दो साल की बेटी शिवन्या के साथ साथ घर में 85 वर्षीय बुजुर्ग दादी सास की भी चिंता थी कहीं वे संक्रमित न हो जाए

By Manoj KumarEdited By: Publish:Fri, 05 Mar 2021 04:57 PM (IST) Updated:Fri, 05 Mar 2021 05:54 PM (IST)
Women Week Special: कोरोना काल में 24 घंटे की डयूटी, दुधमुंही बच्ची के भी बचाव का रखा पूरा ख्याल
नागरिक अस्पताल में आरटीपीसीआर लैब इंचार्ज डा. प्रियंका ने कोविड के दौरान मरीजों की जांच को दी प्राथमिकता

सिरसा [आनंद भार्गव] कोरोना महामारी नई बीमारी थी। शुरूआत में बहुत खौफ था। माइक्रोबायलोजिस्ट के रूप में मरीजों के सैंपल लेना और बाद में पेकिंग करके उन्हें अग्रोहा, खानपुर, चंडीगढ़ भेजा। बाद में सिरसा में आरटीपीसीआर लैब स्थापित हो गई तो डयूटी और बढ़ गई। रोजाना 1500 तक सैंपलों की जांच होने लगी। संक्रमण का भी खतरा रहता परंतु सदा यही सोच रही कि बिना सैंपलिंग के कोई आशंकित न रहे। दो साल की बेटी शिवन्या के साथ साथ घर में 85 वर्षीय बुजुर्ग दादी सास की भी चिंता थी, कहीं वे संक्रमित न हो जाए

यह कहना है नागरिक अस्पताल की आरटीपीआर लैब इंचार्ज डा. प्रियंका का। जिन्होंने शुरूआत में माइक्रोबायलॉजिस्ट के रूप में सैंपलों को बाहर जांच के लिए भेजा और जब सिरसा में लैब शुरू हो गई तो पूरी ट्रेनिंग के बाद इसका बखूबी संचालन किया।

वह कहती हैं कि शुरूआत में खुद को भी डर लगता था परंतु नागरिक अस्पताल की पूरे स्टॉफ ने टीम के रूप में काम किया और जिले में संक्रमण को फैलने से रोका। शुरूआत में जब सैंपलिंग शुरू हुई तो बेटी व दादी सास को गांव भेज दिया। वीडियो कॉल कर ही बेटी को देखती थी। करीब दो महीनों तक बेटी से दूर रही, फिर सोचा कोरोना अभी जाने वाला नहीं। बेटी व दादी सास को अपने पास बुला लिया। लेकिन घर जाने से पहले खुद को अच्छी तरह सैनिटाइज करती। अपनी ड्रेस, गाड़ी की चाबी इत्यादि बाहर ही अलग कमरे में छोड़ती। हर पल पूरा ख्याल रखा तभी खुद भी संक्रमण से बची और परिवार को भी सुरक्षित रखा।

डा. प्रियंका ने बताया कि डा. श्वेता, डा. पंकज, डा. गरिमा के साथ टीम के रूप में 13 से 14 घंटे डयूटी पर रहते। आधी रात को भी कोई मरीज आया तो उसके सैंपल लिये। शुरूआत में पीपीइ किट, एन 95 मास्क भी नहीं थे। जुगाड़ से काम चलाया परंतु इस बात की बेहद खुशी है कि कोरोना को हराने में हमने भी अहम रोल निभाया है।  

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