टोक्यो ओलंपिक में इंडियन महिला हॉकी टीम ने मैच जीत 'चक दे इंडिया' फिल्म की दिला दी याद, थमी रही सांसें
india vs australia hockey ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलते हुए महिला हॉकी टीम ने चक दे इंडिया फिल्म को दोहरा दिया। मैच के आखिरी पल तक लोगों की धड़कनें रुकी रहीं और भारत मैच जीत गया। तीन बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलियन हाॅकी टीम भारतीय टीम के सामने धराशाई हो हो गई।
मनोज कौशिक, हिसार। टोक्यो ओलंपिक में महिला हॉकी टीम ने इतिहास रच दिया है। पहली बार ऐसा हुआ है कि टीम सेमीफाइनल में पहुंची है। मगर महिला हॉकी टीम से बेहद कम उम्मीद थी कि वे ऐसा कर पाएंगी। क्योंकि शुरुआती मैच जिस तरह से टीम हार रही थी वो उसे देख बिल्कुल भी नहीं लग रहा था कि टीम इतना बेहतर प्रदर्शन कर पाएगी। मगर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलते हुए महिला हॉकी टीम ने चक दे इंडिया फिल्म को दोहरा दिया। मैच के आखिरी पल तक लोगों की धड़कनें रुकी रहीं और भारत मैच जीत गया।
तीन बार की चैंपियन महिला हाॅकी टीम भारतीय टीम के सामने धराशाई हो हो गई। हारने के बाद जिस तरह से ऑस्ट्रेलियन टीम की खिलाडि़यों के चेहरे पर निराशा देखने को मिली उसे देख ऐसा लग रहा था कि मानो चक दे इंडिया फिल्म का सीन चल रहा हो। अनुभवी ऑस्ट्रेलियन खिलाडि़यों के आगे युवा भारतीय महिला हॉकी टीम डटकर खड़ी हो गई। जीत का जश्न मना रही भारतीय महिला टीम की खुशी का ठिकाना नहीं था।
भारतीय टीम ने एक गोल किया था मगर जवाब में ऑस्ट्रेलियन महिला टीम एक भी गोल नहीं कर सकी। जबकि ऑस्ट्रेलियन टीम को कई सारे मौके मिले। इस जीत में सबसे अहम भूमिका इंडियन महिला टीम की गोल कीपर हरियाणा के सिरसा की सविता पूनिया ने निभाई। भारत अब सेमीफाइनल मैच खेलेगा। अगर भारतीय महिला हॉकी टीम सेमीफाइनल में हार भी जाती है तो कांस्य पदक के लिए भारतीय महिला हॉकी टीम भीड़ेगी। ऐसी में महिला हॉकी टीम ने पहली बार भारत को पदक दिलाने की उम्मीद पक्की कर दी है।
इंटरनेट मीडिया पर भी चक दे इंडिया शब्द का बोलबाला
महिला हॉकी टीम के क्वार्टर फाइनल में जीतने पर लोग इंटरनेट मीडिया पर भी चक दे इंडिया लिखकर बधाई दे रहे हैं। चक दे इंडिया की इमोजी और आइकन भेजे जा रहे हैं। चक दे इंडिया की कहानी लोगों के जेहन में फिर से गूंज रही है। महिला हॉकी टीम ने जिस तरह से ऑस्ट्रेलियन टीम को मौके मिलने पर भी जिस तरह से गोल नहीं करने दिया। वो काबिले तारीफ था।
ओलिंपिक में गई इन छह बेटियों का हिसार से यह है संबंध
सविता पूनिया : भारतीय टीम की उपकप्तान व गोलकीपर सविता पूनिया ने कई साल तक हिसार के साई में खेल अभ्यास किया और यहीं से खेल की बारीकियां सीखकर भारतीय टीम का हिस्सा बनी।
उदिता : फॉरवर्ड प्लेयर और खेल विभाग में सीनियर हॉकी कोच उदिता हिसार के पुलिस लाइन की निवासी है। पिता की मौत के बाद उनका सपना साकार करने के लिए कड़ी मेहनत की। हिसार में ही खेल अभ्यास कर बेहतर प्रदर्शन किया और भारतीय टीम का हिस्सा बनीं।
शर्मिला देवी : भारतीय टीम में फॉरवर्ड प्लेयर है। हिसार के गांव कैमरी की निवासी है। हिसार से तो नहीं खेली बल्कि चंडीगढ़ व प्रदेश के दूसरे जिलों से लेकर दूसरे राज्य की टीम में खेली और बेहतरीन प्रदर्शन कर भारतीय टीम में जगह बनाई।
वहीं भारतीय टीम की कप्तान कुरुक्षेत्र के शाहबाद निवासी रानी रामपाल, शाहबाद की नवनीत कौर, शाहबाद की नवजोत कौर भी हिसार की महिला टीम में खेल चुकी हैं। इसमें रानी रामपाल हिसार टीम की भी कप्तान रही हैं। ओलंपिक में जाने वाली महिला खिलाडि़यों का संबंध कहीं न कहीं हिसार से जुड़ा रहा है। इन छह खिलाडि़यों ने हिसार टीम को साल 2017-2018 में स्टेट चैंपियन भी बनाया था।
तीनों खिलाड़ियों के बारे में जानें
सविता पूनिया : भारतीय महिला हॉकी टीम की उपकप्तान
- गोलकीपर। रियो ओलंपिक में भी भारतीय टीम का कर चुकी प्रतिनिधित्व।
- जन्म तिथि : 11 जुलाई 1990
- हाइट - 170 सेंटीमिटर
- खेल में सर्वश्रेष्ठ पल : अर्जुन अवार्डी, साल 2017 एशिया कप बेस्ट गोलकीपर, साल 2018 एशियन गेम्स सिल्वर मेडलिस्ट
उदिता : फॉरवर्ड प्लेयर और सीनियर हॉकी कोच खेल विभाग हरियाणा
- जन्म - 14 जनवरी 1998
- हाइट- 161 सेंटीमीटर
- खेल का सर्वश्रेष्ठ पल- एशियन कप में प्रथम गोल किया।
शर्मिला देवी : फॉरवर्ड प्लेयर
- जन्म तिथि : 10 अक्टूबर 2001
- खेल में सर्वश्रेष्ठ पल : टेस्ट सीरिज फ्रांस के साथ हुआ मैच।