हिसार के जिस स्कूल ने इंडिया को ओलिंपियन खिलाड़ी शर्मिला दी, वहां 150 हाकी खिलाड़ियों को ड्रेस भी नसीब नहीं

शर्मिला की जगाई अलख अब कैमरी गांव के 150 खिलाड़ियों में जल चुकी है मगर इन खिलाड़ियों का हाल ऐसा है कि मुफलिसी में उन्हें खेल को अपनाना पड़ रहा है। सुविधाओं का अभाव ऐसा है कि खिलाड़ियों के पास ड्रेस खरीदने तक के लिए भी रुपये नहीं हैं।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 11:12 AM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 11:12 AM (IST)
हिसार के जिस स्कूल ने इंडिया को ओलिंपियन खिलाड़ी शर्मिला दी, वहां 150 हाकी खिलाड़ियों को ड्रेस भी नसीब नहीं
हिसार के सरकारी स्‍कूल में खेलने वाली महिला खिलाड़ी जिनके पास ड्रेस नहीं

वैभव शर्मा, हिसार। हरियाणा की जमीन खिलाड़ी पैदा करती है इस बात को पूरा देश जानता है। पिछले दिनों ओलिंपिक में हाकी इंडिया की महिला टीम सेमीफाइनल में पहुंचकर अपने दमखम को साबित भी कर दिया। देश की टीम में छह खिलाड़ी हरियाणा से ही थी। मगर एक प्रशिक्षु से लेकर खिलाड़ी बनने तक के सफर में बिछे कांटों को शायद ही किसी ने महसूस किया हो। हाकी इंडिया महिला टीम की खिलाड़ी हिसार निवासी शर्मिला ने अपने खेल से हर भारतीय को प्रभावित किया। उन्होंने कैमरी गांव के सरकार स्कूल में पहली बार हाकी स्टिक पकड़ी और फिर कभी न रुकीं।

शर्मिला की जगाई अलख अब कैमरी गांव के 150 खिलाड़ियों में जल चुकी है मगर इन खिलाड़ियों का हाल ऐसा है कि मुफलिसी में उन्हें खेल को अपनाना पड़ रहा है। सुविधाओं का अभाव ऐसा है कि खिलाड़ियों के पास ड्रेस खरीदने तक के लिए भी रुपये नहीं हैं। सिर्फ यह नहीं बल्कि कुछ छोटे-छोटे खिलाड़ियों ने जर्सी खरीदी भी तो उसके लिए चंदा करना पड़ा रहा है। इस ओर किसी भी ध्यान नहीं है।

इन खेलाें के खिलाड़ी हैं यहां

कैमरी गांव में हाकी, ऊंची कूद, कुश्ती, बालीवाल, क्रिकेट, कबड्डी आदि खेलों के अच्छे खिलाड़ी हैं। इनमें कुछ तो ऐसे हैं जो राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर प्रतियोगिताओं में भाग ले चुके हैं। रविवार को यह नए खिलाड़ी मिलेनियम पैलेस में डिप्टी सीएम से खेलों का सामान व अन्य सुविधाएं देने की मांग को लेकर पहुंचे। जिसमें कई बेटियां शामिल थी। यह काफी देर तक कार्यक्रम स्थल पर आखिरी लाइन में खड़ी अपनी बारी आने का इंतजार करती रहीं मगर उनकी मांग डिप्टी सीएम तक नहीं पहुंच सकी।

कुश्ती हो या बालीवाल खेल सामन के नाम पर कुछ पुराने टुकड़े

यहां पीटीआई अजीत कुमार बताते हैं कि सरकारी स्कूल कैमरी में अब खेल की स्थिति काफी खराब हो चुकी है। फंड के अभाव को लेकर कभी गांव वाले कुछ सहायता कर जाते हैं तो कभी स्कूल मदद कर देता है। हालात यह हैं कि पिछले दिनों अधिक बारिश होने से मैदान भी खराब हो गया तो उसके लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है। कुश्ती, बालीवाल, क्रिकेट सहित अन्य खेलों के यहां अच्छे खिलाड़ी तो हैं मगर उन्हें अच्छा प्रशिक्षण देने के लिए सामान नहीं है। सामान के नाम पर कुछ पुराने टुकड़े हैं। जो जीर्णशीर्ण हालत में है। ऐसे में खिलाड़ी प्रैक्टिस भी नहीं कर पा रहे हैं।

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