आमदनी बढ़ी तो रोहतक में 500 हेक्टेयर में लग गए अमरूद के बाग, सालाना डेढ से दो लाख की कमाई

किसान अमरूद के बाग से परंपरागत खेती अर्थात गेंहू कपास धान आदि से लगभग तीन से चार गुणा अधिक आमदनी प्राप्त कर सकते है। किसान बागवानी विभाग से जुडक़र फसलों के विविधिकरण को अपनाकर कम खर्च में ज्यादा आमदनी कमा सकते है।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 05:01 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 05:01 PM (IST)
आमदनी बढ़ी तो रोहतक में 500 हेक्टेयर में लग गए अमरूद के बाग, सालाना डेढ से दो लाख की कमाई
रोहतक में किसान परंपरागत खेती की अपेक्षा अमरूद के बाग से तीन से चार गुणा तक अधिक आमदनी ले रहे

रोहतक, जेएनएन। अमरूद के बाग लगाकर यहां के किसान अब अपनी आमदनी को बढ़ाने लगे हैंं। जिले की भौगोलिक परिस्थिति भी अमरूद के बाग के लिए अच्छी है। इसी वजह से यहां पर अब 500 हैक्टेयर क्षेत्रफल में अमरूद के बाग लग चुके हैं। अमरूदों की खेती के प्रित रूझान कुछ ऐसा है कि अब यहां हर साल 80 से एक सौ हेक्टेयर क्षेत्र में अमरूद के बाग लगाये जा रहे हैं। अमरूद के बाग से किसान प्रतिवर्ष डेढ लाख रुपये से दो लाख रुपये तक वार्षिक आय प्राप्त कर सकते हैं।

छोड़न होगा परंपरागत खेती का मोह

किसान अमरूद के बाग से परंपरागत खेती अर्थात गेंहू, कपास, धान आदि से लगभग तीन से चार गुणा अधिक आमदनी प्राप्त कर सकते है। किसान बागवानी विभाग से जुडक़र फसलों के विविधिकरण को अपनाकर कम खर्च में ज्यादा आमदनी कमा सकते है। उन्होंने कहा कि अमरूद के बाग के लिए कटाई छंटाई एक उपयोगी पद्घति है, जिससे अमरूद के बाग से कुछ गुणवत्ता के फल एवं अधिक पैदावार ले सकते है।

साल में दो बार होती है फसल

आम तौर पर वर्ष में अमरूद की दो फसलें होती है। प्रथम फसल जुलाई से अगस्त तथा दूसरी फसल नवम्बर से जनवरी तक होती है। यदि हम अमरूद की कटाई छटाई उचित तरीके से करते है तो हम वर्ष में अमरूद की तीन फसल ले सकते है। इसके अंतर्गत अमरूद के पौधों को फरवरी माह में दस से 15 सेंटीमीटर कच्ची टहनियों के सीरे काटते है तो जून से अगस्त माह में फसल प्राप्त कर सकते है। दूसरा यदि कटाई छटाई जून माह में करते है तो हम नवंबर से जनवरी तक फल प्राप्त कर सकते है और यदि अक्तूबर माह में अमरूद के पौधों की कटाई छंटाई करते है तो फरवरी-मार्च-अप्रैल माह में फल प्राप्त कर सकते है, जो कि बाजार में अच्छे भाव पर बेचकर किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकता है।

-ऐसे अपनाएं कटाई-छंटाई विधि

उन्होंने बताया कि अमरूद के बाग के लिए कटाई छंटाई की उचित विधि अपनाकर किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकता है। यदि वर्षा ऋतु के फल की बात करें तो इस मौसम की फल अच्छी गुणवत्ता के नहीं होते। अमरूद के बागों से अच्छी गुणवत्ता की फसल प्राप्त करने के लिए हमें जून एवं अक्तूबर माह में कटाई छटाई करनी चाहिए। अमरूद के पौधे पर फल हमेशा नई टहनियों पर ही लगता है, जिसके दृष्टिगत उचित समय पर कटाई छंटाई करनी चाहिए।

जिला उद्यान अधिकारी डा. हवा सिंह सांगवान ने बताया कि किसान बागवानी विभाग से जुडक़र कृषि विविधिकरण को अपनाकर अपनी आमदनी बढ़ा सकते है तथा खर्च को कम कर सकते है। किसान बागवानी विभाग द्वारा किसानों के कल्याण के लिए क्रियान्वित की जा रही योजनाओं का भरपूर लाभ उठायें।

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