लॉकडाउन में गैस वैल्डिंग का काम नहीं रहा तो बहादुरगढ़ में सजा ली सब्जी की दुकान, अब चांदी ही चांदी

बहादुरगढ़ के परनाला रोड पर गैस वैल्डिंग का काम करने वाले रामनगर निवासी विनय की दुकान बंद हुई तो उसने सड़क किनारे सब्जी की दुकान सजा ली। हर रोज मंडी से सामान लाकर यहां बेचने लगा। विनय ने बताया कि वह गैस वैल्डिंग काम करता था।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 05:03 PM (IST) Updated:Wed, 19 May 2021 10:28 AM (IST)
लॉकडाउन में गैस वैल्डिंग का काम नहीं रहा तो बहादुरगढ़ में सजा ली सब्जी की दुकान, अब चांदी ही चांदी
बहादुरगढ़ के विनय सैनी ने कोरोना की वजह से हुए लॉकडाउन के कारण बदलना पड़ा अपना धंधा

बहादुरगढ़, जेएनएन। कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से लगाए गए लॉकडाउन के कारण फुटवियर हब बहादुरगढ़ में लाखों लोगों का रोजगार छिन गया। कुछ कामगार अपने घर लौट गए तो कुछ यहीं पर दूसरा काम धंधा करने लगे। फैक्ट्री बंद होने से यह समस्या कामगारों के सामने आई। मगर लॉकडाउन में अन्य काम धंधे भी बंद हुए हैं। सड़कों पर इस दौरान वाहन कम हुए तो उनकी रिपेयर की दुकानें भी बंद हो गई। ऐसे में मिस्त्री व दुकानों में काम करने वाले तकनीशियनों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया। मगर कई लोगों ने इस संकट से उभरने के लिए अपने काम में ही बदलाव कर लिया।

बहादुरगढ़ के परनाला रोड पर गैस वैल्डिंग का काम करने वाले रामनगर निवासी विनय की दुकान बंद हुई तो उसने सड़क किनारे सब्जी की दुकान सजा ली। हर रोज मंडी से सामान लाकर यहां बेचने लगा। विनय ने बताया कि वह गैस वैल्डिंग काम करता था। लॉकडाउन में वाहनों का आवागमन कम हुआ। दूसरा गैस वैल्डिंग में ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है। प्रशासन ने मेडिकल सेवा को छोड़कर अन्य सभी कामों के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई पर रोक लगा दी थी। ऐसे में गैस वैल्डिंग का काम बिल्कुल बंद हो गया।

इससे उसके सामने परिवार का गुजारा करने की समस्या खड़ी हो गई। उसने एक-दो दिन तो प्रतीक्षा की लेकिन कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप और लॉकडाउन में किसी तरह की छूट न मिलने के कारण कुछ और काम करने की सूझी। उसके बाद अचानक उसके मन में आया कि क्यों न वह सब्जी की दुकान कर ले। बस फिर क्या था, वह तुरंत सब्जी मंडी में गया और वहां से सामान ले आया। पहले लॉकडाउन से ही वह परनाला रोड पर सब्जी की दुकान चला रहा है। विनय ने बताया कि लॉकडाउन के कारण बिक्री भले ही कम हो लेकिन वह सब्जियां बेचकर अपने परिवार का गुजर-बसर आसानी से कर लेता है।

खाली हाथ घर बैठकर भूखा करने से तो अच्छा है कि कुछ ना कुछ काम करके रोजी-रोटी का जुगाड़ किया जाए। उन्होंने अन्य लोगों से भी आह्वान किया है कि वे इस आपदा के समय अवसर की तलाश जरूर करें। कोरोना महामारी का यह समय जल्द ही कट जाएगा। लोग मायूस ना हों और नियमों का पालन करते हुए कुछ ना कुछ काम करके अपना गुजर-बसर आसानी से करते रहें।

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